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Google Doodle pays tribute to Homai Vyarawalla, India’s first woman photojournalist |
विश्व के सबसे बड़े सर्च इंजन गूगल ने गुजरात के पारसी परिवार में जन्मीं और पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित भारत की पहली महिला फोटो जनर्लिस्ट होमई व्याराल्ला को उनके 104वें जन्मदिन पर डूडल बनाकर श्रद्धांजलि दी है।
- होमई व्याराल्ला का जन्म गुजरात में 9 दिसंबर, 1913 को गुजरात के नवसारी में एक मध्यवर्गीय पारसी परिवार में हुआ था। उनके पिता पारसी उर्दू थियेटर के मशहूर अभिनेता थे, जिसके साथ बचपन में उन्हें यात्रा करने के काफी मौके मिले। फिर उनके पिता मुंबई में आकर बस गए।
- मुंबई में पली-बढ़ीं होमी ने फ़ोटोग्राफ़ी की शिक्षा जेजे स्कूल ऑफ़ आर्ट से ली।
- मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उनके एक दोस्त ने उन्हें फोटोग्राफी सिखाई थी। फोटोग्राफी सीखने के बाद उन्होंने अपने कैमरे से मुंबई के जन-जीवन की तस्वीरें लेना शुरू किया था।
- बता दें कि उन्होंने 1930 के दशक में अपना करियर शुरू किया था। दूसरे विश्व युद्ध के शुरू होने पर उन्होंने बॉम्बे स्थित 'The Illustrated Weekly of India' पत्रिका के लिए काम पर काम करना शुरू कर दिया। उनकी तस्वीरों को उनके पति के नाम के तहत प्रकाशित की जाती थी।
- होमई ने टाइम्स ऑफ इंडिया के एकाउंटेंट और फोटोग्राफर मानेकशॉ जमशेतजी वैरावाल्ला से शादी की थी। 1970 में अपने पति की मृत्यु के बाद उन्होंने फोटोग्राफी को छोड़ दिया।
- होमई व्याराल्ला की फोटोग्राफी को राष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान मिली और 1942 में वह अपने परिवार के साथ ब्रिटिश सूचना सेवा में काम करने के लिए दिल्ली चली आई।
- होमई ने 15 अगस्त 1947 में लाल किले पर ध्वजारोहण समारोह की तस्वीरें खींची थी।
- होमई को महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की भारत यात्रा और दलाई लामा के तिब्बत से बच निकलने के फोटो लेने का अवसर भी मिला।
- होमई ने लार्ड माउंटबेटन की विदाई, महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और लाल बहादुर शास्त्री के दाह संस्कार की तस्वीरें भी खींची थी।
- होमई व्याराल्ला, 1930 से 1970 के बीच एक मात्र प्रोफेशनल फोटो पत्रकार थी।
- भारत की पहली महिला फोटो जर्नलिस्ट होमी व्यारावाला को साल 2010 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।
- बता दें कि साल 1970 में होमी ने अपने पति के निधन के बाद फोटोग्राफी छोड़ दी थी। जिसके बाद साल 1982 में वह अपने बेटे फारूक के साथ वडोदरा में बस गईं। होमई व्याराल्ला की कैंसर की बीमारी के कारण 15 जनवरी, 2012 में उनका देहांत हो गया और दुनिया की एक बेहतरीन फोटो जर्नलिस्ट ने अलविदा कह दिया।
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