Dear Aspirants,
संबंधित लिंक....लोकतंत्र नागरिकों की इच्छाओं, आकांक्षाओं और मानवता के विकास को हासिल करने का एक सशक्त साधन है। लोकतंत्र अपनी प्रक्रिया में एक लक्ष्य है। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय, राष्ट्र की शक्तियों, सामाजिक संगठन और व्यक्ति की भागीदारी और सहयोग से लोकतंत्र के आदर्शो को वास्तवकिता में बदला जा सकता है।
- संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2007 में अतंर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस की स्थापना की और विश्व में पहली बार 15 सितम्बर 2008 को यह दिवस मनाने की शुरुआत हुई।
- वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता और गांधीवादी अन्ना हजारे और उनकी टीम के सदस्यों अरविंद केजरीवाल, किरण बेदी, शांति भूषण और प्रशांत भूषण ने सरकार को सलाह दी है कि कानून बनाने में जनता की राय जरूरी है।
- भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना हजारे के आंदोलन ने अपने अधिकारों के प्रति लोगों को जिस प्रकार एकजुट किया उसे लोकतांत्रिक मूल्यों के विजय के रूप में ही देखा गया।
- भारत में लोकतांत्रिक मूल्यों और अधिकारों के प्रति जागरूकता फैलाने का काम कई गैर सरकारी संगठन प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से कर रहे हैं। इस दिशा में बेंगलुरू स्थित सोसायटी 'पब्लिक अफेयर्स सेंटर' और स्वाभिमान ट्रस्ट ने वर्ष 2000 में 'चिल्ड्रेंस मूवमेंट फार सिविक अवेयरनेस' (सीएमसीए) एक स्वायत्त संस्थान की शुरुआत की।
- दिनांक - 15 सितंबर
- 2017 का विषय- ‘Democracy and Conflict prevention’
http://www.un.org/en/events/democracyday/index.shtml
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