राष्ट्रीय खेल दिवस या नेश्नल स्पोर्ट्स डे ( National Sports Day) - 29 अगस्त, 2017

Dear Students,

"कोई तुम्हे तब तक नहीं हरा सकता, जब तक तुम खुद से ना हार जाओ......"

क्रिकेट में जो स्थान सर डॉन ब्रैडमैन, फुटबॉल में पेले और टेनिस मेंरॉड लेवर का है, हॉकी में वही स्थान ध्यानचंद का है। अंतरराष्ट्रीय हॉकी से 400 ज्यादा गोल करने वाले ध्यानचंद अपने उसूलों और नियमों के भी काफी पक्के थे।

            हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले मेजर ध्यानचंद का खेल जिसने भी देखा वह उनके खेल का कायल हो गया, ध्यानचंद को चाहने वाले उन्हे ‘दद्दा’ भी कहकर पुकारा करते थे|

हॉकी के महान जादूगर मेजर ध्यानचंद (Hockey Great Magician Major Dhyan Chand)....

  • मेजर ध्यानचंद सिंह (29 अगस्त, 1905 - 3 दिसंबर, 1979) भारतीय हॉकी के भूतपूर्व खिलाड़ी एवं कप्तान थे।
  • इलाहाबाद में जन्मे, ध्यानचंद को बचपन में कुश्ती का शौक था। 14 साल की उम्र में पहली बार हाथ में हॉकी थामी।
  • 16 वर्ष की अवस्था में 1922 में, दिल्ली में प्रथम ब्राह्मण रेजीमेंट में सेना में एक साधारण सिपाही की हैसियत से भरती हो गए।
  • ध्यानचंद, तीन बार ओलम्पिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम के सदस्य रहे ( जिनमें 1928 का एम्सटर्डम ओलोम्पिक, 1932 का लॉस एंजेल्स ओलोम्पिक और 1936 का बर्लिन ओलम्पिक)
  • 1936 ओलंपिक में नंगे पाव दूसरे हॉफ में जर्मनी के खिलाफ उतरे और 8-1 से देश को सुनहरी जीत दिलाई।
  • हॉलैंड में उनकी हॉकी स्टिक में चुंबक होने की आशंका में उनकी स्टिक तोड़ कर देखी गई।
  • 1936 में बर्लिन ओलम्पिक के बाद जर्मनी के तानाशाह एडॉल्फ हिटलर ने ध्यानचंद को जर्मन सेना में भर्ती होने और नागरिकता देने का प्रस्ताव रखा, लेकिन ध्यानचंद से ठुकरा दिया|
  • महान हॉकी खिलाड़ी के रूप में ऑस्ट्रेलिया के विएना में सरकार ने उनकी मूर्ति लगाई है।
  • ध्यानचंद ने आखिरी अंतराष्ट्रीय मैच 1948 में खेला।  
  • झांसी में उनका अंतिम संस्कार किसी घाट पर न होकर उस मैदान पर किया गया, जहां वो हॉकी खेला करते थे। 
  • अपनी आत्मकथा 'गोल' में उन्होंने लिखा था- 'आपको मालूम होना चाहिए कि मैं बहुत साधारण आदमी हूं'|
  • अशोक कुमार ने अपने पिता की तरह ही इस देश में हॉकी के सुनहरे दिन लौटाए। अशोक कुमार की वजह से भारत ने 1975 के हॉकी विश्व कप में जीत हासिल कर दुनिया में फिर से अपना दबदबा कायम किया। हॉकी में पहली बार विश्व कप जीत कर अशोक कुमार पिता ध्यानचंद की तरह प्रतिष्ठित हो गए। 

सम्मान (Awards or Respect).....

  1. 1956 में भारत के प्रतिष्ठित नागरिक सम्मान पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। 
  2. उनके जन्मदिन को भारत का राष्ट्रीय खेल दिवस घोषित किया गया है। 

  3. भारतीय खेलों में अहम योगदान के लिए लाइफटाइम अवार्ड मेजर ध्यान चंद के नाम से दिया जाता है| 
  4. इसी दिन खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार अर्जुन और द्रोणाचार्य पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं। 
  5. भारतीय ओलम्पिक संघ ने ध्यानचंद को शताब्दी का खिलाड़ी घोषित किया था।
  6. हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद को ब्रिटिश संसद के हाउस ऑफ कामंस में 25 जुलाई, 2015 को ‘भारत गौरव पुरस्कार’ प्रदान किया जाएगा, जिसे लेने के लिए उनके बेटे और भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान अशोक कुमार को आमंत्रित किया गया है।

मेजर ध्यानचंद राष्ट्रीय स्टेडियम, दिल्ली

  • मेजर ध्यानचंद राष्ट्रीय स्टेडियम, दिल्ली में स्थित एक हॉकी स्टेडियम है।
  • ध्यानचंद राष्ट्रीय स्टेडियम 1933 में बनाया गया और इसका नाम इरविन एम्फीथियेटर रखा गया। इसके वास्तुकार एंथोनी एस डेमिलो थे। 
  • 1951 एशियाई खेल़ो़ं के समय इसका नाम बदलकर राष्ट्रीय स्टेडियम रख दिया गया।

प्रश्न:- हॉकी के महान जादूगर मेजर ध्यानचंद सिंह का जन्म कब और कहाँ हुआ था?

1. 29 अगस्त, 1903 और झाँसी, उत्तर प्रदेश
2. 28 अगस्त, 1905 और इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश
3. 29 अगस्त, 1905 और इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश
4. 27 अगस्त, 1905 और बुंदेलखंड, उत्तर प्रदेश
5. 29 अगस्त, 1906 और दिल्ली

उत्तर एवं व्याखा ( Answer & Explanation ):-

  • 3. 29 अगस्त, 1905 और इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश
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