सामान्य विज्ञान (रसायन) : बहुलक विशेष


  • पॉलीमर शब्द का प्रथम प्रयोग जोंस बर्जिलियस ने 1833 में किया था|
  • 1907 में लियो बैकलैंड ने पहला सिंथेटिक पोलीमर, फिनोल और फॉर्मएल्डिहाइड की प्रक्रिया से बनाया। उन्होंने इसे बैकेलाइट नाम दिया।
  • 1922 में हर्मन स्टॉडिंगर को पॉलीमर के नए सिद्धांत को प्रतिपादित करने के लिए नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इससे पहले यह माना जाता था कि ये छोटे अणुओं का क्लस्टर है, जिन्हें कोलाइड्स कहते थे, जिसका आण्विक भार ज्ञात नहीं था। लेकिन इस सिद्धांत में कहा गया कि पाॅलीमर एक शृंखला में संयोजी बन्ध(कोवैलेन्ट बॉण्ड) द्वारा बंधे होते हैं। पॉलीमर शब्द पॉली (कई) और मेरोस (टुकड़ों) से मिलकर बना है 
  • वहुलक या पाॅलीमर बहुत अधिक अणु मात्रा वाला कार्बनिक यौगिक होता है। और इसकी क्रिया को बहुलकीकरण(polymerization) कहते है|

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     -:कुछ महत्वपूर्ण परीक्षा विशेष:-  

  1. प्राकृतिक बहुलक:-  ये मूलतः पेड़-पौधों से प्राप्त किये जाते है| जैसे:- प्रोटीन, सुक्रोज, प्राकृतिक रबड़,DNA, RNA आदि
  2. सेल्यूलोज, लकड़ी, रेशम, त्वचा, रबर आदि प्राकृतिक पॉलीमर हैं, ये खुली अवस्था में प्रकृति में पाए जाते हैं तथा इन्हें पौधों और जीवधारियों से प्राप्त किया जाता है। 
  3. रबड़ प्राकृतिक में पाया जाने वाला एक बहुलक है,जिसे रबड़ के वृक्ष से लैटेक्स(LATEX)के रूप में प्राप्त किया जाता है| प्राकृतिक रबड़ आइसोप्रीन नामक मोनोमर का बहुलक है|
  4. मानव द्वारा निर्मित रबड़ को संश्लिष्ट रबड़ कहते है|  
  5. थायोकोल(Thiokol):- एक संश्लिष्ट रबड़ है |जिसे डाइक्लोरोएथेन तथा सोडियम पाली सल्फाइड की क्रिया कराके बनाया जाता है|
  6. थायोकोल रबड़ तथा ऑक्सीजन मुक्त करने वाले रसायनों के मिश्रण को रॉकेट इंजनों में ठोस ईधन के रूप में प्रयुक्त किया जाता है|  
  7. प्लास्टिक (plastic): ऐसे पदार्थो का समूह है जो आसानी से मोड़े जा सकते है|या उन्हें किसी भी आकार में ढाला जा सकता है| पालीएमाइड और पालीएस्टर उदहारण है|
  8. पालीएस्टर(Polyester):यह एक अन्य संश्लिष्ट रेशा है जिसे इंग्लैंड में विकसित किया गया था |इसे संश्लिष्टकरने के लिए दो हाइड्रोक्सिल(-OH)समूह युक्त कार्बनिक यौगिक की अभिक्रिया दो कार्बोक्सिलिक(-COOH)समूह के यौगिक के साथ की जाती हैं| परिणामस्वरूप एस्टर समूह(-COO) बनता है| यही पालीएस्टर कहलाता है|
  9. नौकाओ की पाल, अग्निशमन के लिए प्रयुक्त हौज पाइप, साडीयां, ड्रेस मटेरियल और पर्दा के सामान आदि |
  10. Tetra Flouro Ethene को उच्च ताप व दाब पर गर्म करने पर यह Poly Tetra Florouro Ethene (Teflon)प्राप्त होता हैं इसका उपयोग non-stick cookwares बर्तन बनाने में 
  11. पालीस्टाइरीन(polystyrene):- ये स्टाइरीन का योगात्मक बहुलक हैं|इसका उपयोग टेलीविज़न, रेडियो, फ्रिज के बक्से बनाने में 
  12. नायलॉन-6:_ ये स्वयं का योगात्मक बहुलक हैं| इसका उपयोग कारपेट्स,रोप्स(मुख्यतः माउंटेनियरिंग रोप्स), सिंथेटिक ग्रास(Astroturf) Etc.
  13. कार्बन फाइबर:- कार्बन फाइबर परमाणुओं की लम्बी श्रंखला से बने होते है|तथा अत्यंत सामर्थ्यशाली होने के अतिरिक्त इनका संक्षारण भी होता है| इसका उपयोग अंतरिक्षयान और खेल कूद की सामग्री बनाने में किया जाता हैं |
  14. रेयान(Rayon):- सेल्युलोज से बने हुए कृत्रिम रेशे को रेयान कहते हैं| ये सूत के सामान होते हैं|इसका उपयोग कालीन, चिकित्सा क्षेत्र में यह लिंट या जाली बनाने के  
  15. पाली विनाइल क्लोराइड(PVC):- सीट कबर ,फिल्म ,बरसाती 
  16. बैकलाइट:- रेडियो, टी.बी.के केस, बाल्टी
  17. पालीथीन:- यह एक थर्मोप्लास्टिक बहुलक है, जो एथिलीन के बहुलकीकरण से प्राप्त होता हैं| इसका उपयोग पाइप, तार का आवरण, पैकिंग थैलियाँ 
  18. थर्मोसेटिंग बहुलक:- यह बहुत कठोर होते हैं,इनका इस्तेमाल इलेक्ट्रॉनिक के सामान स्विच, प्लग और बहुत सारी घरेलु इस्तेमाल का सामान
  19. रैक्सीन(REXIN):- कृत्रिम चमड़ा हैं|
  20. हॉलैंड के वैज्ञानिकों के अनुसार मकड़ी में उपस्थित एक डोप नामक तरल पदार्थ उसके शरीर से बाहर निकलते ही एक प्रोटीनयुक्त पॉलीमर के रूप में जाला बनाता है। 

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