Nipah virus is a type of RNA virus in the genus Henipavirus. It can both spread between people and from other animals to people.
आजकल पूरा देश 'निपाह वायरस' की वजह से दहशत में है, केरल से लेकर दिल्ली तक, तमिलनाडु से लेकर कन्याकुमारी तक लोग इस वायरस के कारण भयभीत हैं। निपाह वायरस का सबसे बड़ा खतरा अब फलों से भी पैदा हो गया है।
'निपाह वायरस' एक तरह का पशुजन्य रोग है, मेडिकल टर्म में इसे NIV वायरस भी कहा जाता है। ये वायरस Paramyxoviridae family का सदस्य है, जो कि जानवर से फलों में और फलों के जरिए व्यक्तियों में फैलता है।
आजकल पूरा देश 'निपाह वायरस' की वजह से दहशत में है, केरल से लेकर दिल्ली तक, तमिलनाडु से लेकर कन्याकुमारी तक लोग इस वायरस के कारण भयभीत हैं। निपाह वायरस का सबसे बड़ा खतरा अब फलों से भी पैदा हो गया है।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, निपाह वायरस (NiV) तेजी से उभरता वायरस है।
- मलेशिया के कम्पंग सुंगाई में हुआ पहला केस मलेशिया के कम्पंग सुंगाई में हुआ पहला केस NiV के बारे में सबसे पहले 1998 में मलेशिया के कम्पंग सुंगाई निपाह से पता चला था, वहीं से इस वायरस को ये नाम मिला। उस वक्त इस बीमारी के वाहक सूअर थे और आज इस बीमारी के वाहक चमगादड़ हैं। इसके बाद से इन वायरस के केस साउथ एशिया ( भारत, बांग्लादेश, मलेशिया और सिंगापुर) में देखे गए।
- निपाह एक तरह का संक्रमण फैलाने वाला वायरस है। WHO के मुताबिक इस वायरस का नैचुरल होस्ट फ्रूट बैट होता है। ये चमगादड़ों के मूत्र लार और शरीर से निकलने वाले द्रव्यों में होता है। इस वायरस से संक्रमित व्यक्त 24 से 48 घंटे के अंदर कोमा में चला जाता है।
- निपाह वायरस का वर्तमान में कोई इलाज नहीं है। अन्य वायरस की तरह इसकी अभी कोई वैक्सीन नहीं बनी है।
- स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, केरल सहित उसके पड़ोसी राज्यों से आने वाले फल जैसे केला, आम और खजूर खाने से परहेज करें।
'निपाह वायरस' एक तरह का पशुजन्य रोग है, मेडिकल टर्म में इसे NIV वायरस भी कहा जाता है। ये वायरस Paramyxoviridae family का सदस्य है, जो कि जानवर से फलों में और फलों के जरिए व्यक्तियों में फैलता है।
- भारत में 'निपाह वायरस' का पहला मामला वर्ष 2001 के जनवरी और फरवरी माह में पश्चिम बंगाल के सिलिगुड़ी में दर्ज किया गया था।
- 'निपाह वायरस' का दूसरा हमला वर्ष 2007 में पश्चिम बंगाल के नदिया में दर्ज किया गया।
- वायरस का डायग्नोसिस आरटी-पीसीआर के द्वारा गले-नाक के सेरेब्रोस्पाइनल तरल पदार्थ, मूत्र और रक्त का टेस्ट करने से किया जाना चाहिए।
- ईएलआईएसए (आईजीजी और आईजीएम) द्वारा इस वायरस की एंटीबॉडी का पता लगाया जा सकता है।
- 'निपाह वायरस' की चपेट में आने वाले इंसान को तेज बुखार,दिमाग या सिर में तेज जलन,दिमाग में सूजन और दर्द,मानसिक भ्रम, सांस लेने में परेशानी होती है।
- ये वायरस एन्सेफलाइटिस सिड्रोंम के जरिए बहुत तेजी से फैलता है। डाक्टरों ने इसे घातक इंसेफ्लाइटिस या दिमागी बुखार कहा है।
- सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के मुताबिक 'निपाह वायरस' काइंसेफ्लाइटिस से जुड़ा है, जिसमें दिमाग को नुकसान पहुंचता है।
- कटे-फटे फलों से निपाह वायरस का खतरा अधिक है।
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