Dear Readers,
मशहूर गायक और अभिनेता कुंदनलाल सहगल अथवा के. एल. सहगल के 114वें जन्मदिन पर गूगल डूडल ने श्रद्धांजलि अर्पित की है।
मशहूर गायक और अभिनेता कुंदनलाल सहगल अथवा के. एल. सहगल के 114वें जन्मदिन पर गूगल डूडल ने श्रद्धांजलि अर्पित की है।
- कुंदनलाल सहगल का जन्म 11 अप्रैल, 1904 को जम्मू के नवाशहर में हुआ था। उनके पिता अमरचंद सहगल जम्मू शहर में न्यायालय के तहसीलदार थे। उनकी माँ केसरीबाई कौर धार्मिक क्रिया-कलापों के साथ-साथ संगीत में भी काफ़ी रुचि रखती थीं।
- कुंदनलाल सहगल भारतीय हिन्दी सिनेमा के पहले सुपरस्टार माने जाते हैं।
- केएल सहगल ने अपने संगीत के सफर में कुल 200 फिल्मी और गैर फिल्मी गाने गाए, जोकि आज भी संगीत प्रेमियों की जुबान पर है। उनका गाना जब दिल ही टूट गया, एक बंगला बने न्यारा, हम अपना उन्हे बना ना सके, दो नैना मतवाले तिहारे, मैं क्या जानूं क्या जादू है, कतीबे तकदीर आज भी लाखों संगीतप्रेमियों की पसंद है।
- केएल सहगल ने कुल 36 फिल्मों में काम किया, जिसमे से 28 हिन्दी फिल्में थी ,जबकि सात बंगाली फिल्म व एक तमिल फिल्म थी। उनकी कुछ बेहद लोकप्रिय फिल्में प्रेसीडेंट, माई सिस्टर, जिंदगी, चांदीदास, भक्त सूरदास, तानसेन काफी हिट फिल्में थीं।
- हिंदी सिनेमा के महान गायक माने जाने मोहम्मद रफी, किशोर कुमार, मुकेश और लता मंगेशकर उन्हें प्रेरणा स्रोत मानते थे।
- वर्ष 1930 में कोलकाता के न्यू थियेटर के बी. एन. सरकार ने उन्हें 200 रूपए मासिक पर अपने यहां काम करने का मौक़ा दिया। वर्ष 1932 में प्रदर्शित एक उर्दू फ़िल्म ‘मोहब्बत के आंसू’ में उन्हें काम करने का मौक़ा मिला। वर्ष 1932 में ही बतौर कलाकार उनकी दो और फ़िल्में ‘सुबह का सितारा’ और ‘जिंदा लाश’ भी प्रदर्शित हुई, लेकिन इन फ़िल्मों से उन्हें कोई ख़ास पहचान नहीं मिली।
- वर्ष 1935 में शरत चंद्र चट्टोपाध्याय के उपन्यास पर आधारित पी.सी.बरूआ निर्देशित फ़िल्म ‘देवदास’ की कामयाबी के बाद बतौर गायक-अभिनेता सहगल शोहरत की बुलंदियों पर जा पहुंचे।
- अपनी दिलकश आवाज़ से सिने प्रेमियों के दिल पर राज करने वाले के.एल.सहगल 18 जनवरी, 1947 को केवल 43 वर्ष की उम्र में इस संसार को अलविदा कह गए।
- सहगल रवीन्द्र संगीत गाने का सम्मान पाने वाले पहले गैर बांग्ला गायक और भारतीय सिनेमा के पहले सुपर स्टार थे।
0 Comments