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राजकुमार राव स्टारर फिल्म 'न्यूटन' ऑस्कर कैटेगरी से बाहर हो गई है। फिल्म का चुनाव ऑस्कर फॉरेन लैग्वेज फिल्म की कैटेगरी में हुआ था लेकिन अब फिल्म ऑस्कर की रेस से बाहर हो चुकी है। इसी साल आई फिल्म 'न्यूटन' को दर्शकों ने खूब सराहा और खासकर फिल्म की कहानी और परफॉर्मेंस की खूब तारीफ हुई थी।
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राजकुमार राव स्टारर फिल्म 'न्यूटन' ऑस्कर कैटेगरी से बाहर हो गई है। फिल्म का चुनाव ऑस्कर फॉरेन लैग्वेज फिल्म की कैटेगरी में हुआ था लेकिन अब फिल्म ऑस्कर की रेस से बाहर हो चुकी है। इसी साल आई फिल्म 'न्यूटन' को दर्शकों ने खूब सराहा और खासकर फिल्म की कहानी और परफॉर्मेंस की खूब तारीफ हुई थी।
- क्रिटिक्स से जोरदार सराहना पाने वाली अमित मासुरकर की फिल्म 'न्यूटन' को ऑस्कर की लिस्ट से बाहर हो गई है।
- ऑस्कर पुरस्कारों की अंतिम सूची 23 जनवरी को जारी होगी। ऑस्कर पुरस्कारों की घोषणा 4 मार्च को की जाएगी।
- दरअसल ऑस्कर के ट्विटर हैंडल पर 9 फिल्मों की लिस्ट जारी की गई है, जो अकैडमी अवॉर्ड्स की लिस्ट में जगह बना पाने में सफल रही है। फॉरन लैंग्वेज फिल्म अवॉर्ड की लिस्ट में ये 9 फिल्मों के नाम हैं।
- Chile, “A Fantastic Woman,” (Director - Sebastián Lelio)
- Germany, “In the Fade,” (Director - Fatih Akin)
- Hungary, “On Body and Soul,” (Director - Ildikó Enyedi)
- Israel, “Foxtrot,” (Director - Samuel Maoz)
- Lebanon, “The Insult,” (Director - Ziad Doueiri)
- Russia, “Loveless,” (Director - Andrey Zvyagintsev)
- Senegal, “Félicité,” (Director - Alain Gomis)
- South Africa, “The Wound,” (Director - John Trengove)
- Sweden, “The Square,” (Director - Ruben Östlund)
- ऑस्कर जाने वाली दूसरी भारतीय फ़िल्में विदेशी भाषा कैटेगरी में 'न्यूटन' से पहले अपुर संसार (1959), गाइड (1965), सारांश (1984), नायकन (1987), परिंदा (1989), अंजलि (1990), हे राम (2000), देवदास (2002), हरिचन्द्र फैक्ट्री (2008), बर्फी (2012) और कोर्ट (2015) शामिल है।
- अभी तक केवल तीन भारतीय फ़िल्में ही फाइनल लिस्ट तक पहुंची। इनमें महबूब खान की मदर इंडिया (1957), मीरा नायर की सलाम बॉम्बे (1988) और आशुतोष गोवारिकर की लगान (2001) शामिल है।
- भानु अथैया (1983) - भानु अथैया पहली भारतीय है जिन्हें 1983 में “गाँधी” फिल्म में बेस्ट कॉस्टयूम डिजाईनर के लिए ऑस्कर आवार्ड मिला है।
- सत्यजीत रे (1992) - सत्यजीत रे को (1992) ऑस्कर लाइफ टाइम अचीवमेंट आवार्ड के क्षेणी में दिया गया जिसके लिए उन्होंने बीमार अवस्था में भी अस्पताल से लाइव भाषण दिया था। इन्हें सम्मानित करने के लिए ऑस्कर के अधिकारी खुद कोलकाता के हॉस्पिटल में आये थे।
- ऐ आर रहमान (2009) - अल्लाह रक्खा रहमान एक प्रसिद्ध भारतीय संगीतकार है जिन्हें फिल्म 'स्लमडॉग मिलेनियर' के लिए दो ऑस्कर आवार्ड एक साथ मिले। इन्हें “स्लम डॉग मिलिनियर” के गाने “जय हो” के लिए बेस्ट ओरिजिनल सोंग और इसी गाने के लिए बेस्ट ओरिजिनल स्कोर का ऑस्कर आवार्ड दिया गया था।
- गुलज़ार (2009) - गुलज़ार एक प्रसिद्ध शायर, फ़िल्म निर्देशक, संगीतकार और लेखक है। फिल्म “स्लम डॉग मिलिनियर” के गाने “जय हो” के लिरिक्स/lyrics लिखने वाले गुलज़ार ही थे जिसके लिए उन्हें 2009 में बेस्ट ओरिजिनल सोंग(लिरिक्स) आवार्ड दिया गया था।
- रेसुल पुकुट्टी (2009) - रेसुल पुकुट्टी एक sound designer और sound editor है जो “जय हो’ गाने के साउंड मिक्सर थे। यह बेस्ट साउंड मिक्सिंग ऑस्कर आवार्ड के विजेता बने।
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