वरिष्ठ साहित्यकार मनु शर्मा का निधन ( Senior Literary Manu Sharma dies)

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वरिष्ठ साहित्यकार और हिन्दी में सबसे बड़ा उपन्यास लिखने वाले पद्मश्री मनु शर्मा का आज सुबह साढ़े पांच बजे यानि 8 नवम्बर, 2017 को वाराणसी के बड़ी पियरी गांव स्थित आवास पर निधन हो गया, वह 89 वर्ष के थे।
  • मनु शर्मा के पुत्र हेमंत शर्मा ने बताया कि उनके पिता का आज सुबह साढ़े छह बजे यानि 8 नवम्बर, 2017 वाराणसी स्थित आवास पर निधन हुआ।
  • मनु शर्मा का जन्म 1928 को शरद पूर्णिमा को फैजाबाद के अकबरपुर में हुआ था।
  • मनु शर्मा का उपन्यास ‘‘कृष्ण की आत्मकथा’’ आठ खण्डों में आया है और इसे हिन्दी का सबसे बड़ा उपन्यास माना जाता है।
  • मनु शर्मा आत्मकथा लेखन विधा का जन्मदाता कहा जाता हैं।
  • शुरूआत में वह हनुमान प्रसाद शर्मा के नाम से लेखन करते थे।
  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘‘स्वच्छ भारत अभियान’’ के तहत जिन प्रारंभिक नौ लोगों को नामित किया था उनमें से एक मनु शर्मा भी थे।
  • डीएम योगेश्वर राम मिश्र ने बताया कि बृहस्पतिवार सुबह आठ बजे (9 नवम्बर, 2017) मणिकर्णिका महाश्मशान पर उनकी अंत्येष्टि राजकीय सम्मान के साथ होगा।
प्रख्यात साहित्यकार, लेखक और चिंतक पद्मश्री मनु शर्मा का प्रोफाइल.... 
नाम- मनु शर्मा
जन्म- 1928 की शरद पूर्णिमा पर अकबरपुर (अंबेडकरनगर)
शिक्षा- काशी हिंदू विश्वविद्यालय
रचनाएँ:-
  • ‘तीन प्रश्न’, ‘राणा सांगा’, ‘एकलिंग का दीवाना’ आदि ऐतिहासिक उपन्यास। 
  • ‘मरीचिका’, ‘विवशता’, ‘लक्ष्मण रेखा’, ‘गांधी लौटे’ सामाजिक उपन्यास। ‘
  • द्रौपदी की आत्मकथा’, ‘द्रोण की आत्मकथा’, ‘कर्ण की आत्मकथा’, ‘कृष्ण की आत्मकथा’, ‘गांधारी की आत्मकथा’, ‘द्रोण की आत्मकथा’, ‘अभिशप्त कथा’ पौराणिक उपन्यास। 
  • ‘पोस्टर उखड़ गया’, ‘मुंशी नवनीत लाल’, ‘महात्मा’, ‘दीक्षा’ कहानी संग्रह । 
  • ‘खूंटी पर टंगा वसंत’ कविता संग्रह। ‘उस पार का सूरज’ निबंध संग्रह।   
सम्मान और अलंकरण:-
  • गोरखपुर विश्वविद्यालय से डी.लिट की मानद उपाधि, उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान का लोहिया साहित्य सम्मान, केंद्रीय हिंदी संस्थान का सुब्रमण्यम भारती पुरस्कार, उत्तर प्रदेश सरकार का सर्वोच्च सम्मान यश भारती सम्मान, साहित्य के लिए मध्य प्रदेश सरकार का मैथिली शरण गुप्त सम्मान और  2015 में पद्मश्री सम्मान।
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