Dear Students,
b)Mineral acid
A)Natural Acid or Organic Acid- जिन्हें प्राकृतिक श्रोत से (Plants, Animal आदि) से प्राप्त किया जाता है, को Natural acids कहते हैं। जैसे- Citric acid, Acetic acid, Lactic acid, Tartaric acid, Oxalic acid, Formic acid इत्यादि।
कुछ प्राकृतिक अम्ल के श्रोत (Sources of some Natural Acids)-
a)ऑक्सी अम्ल (HNO3, H3PO4)- जिनमे H और O दोनों उपस्थित हो।
b)हाइड्रा अम्ल (HCl,HCN)-जिनमे केवल हाइड्रोजन उपस्थित हो।
सभी प्रकार के भोजन में कोई न कोई 'स्वाद (taste)' अवश्य होता है। ये स्वाद या तो खट्टे, मीठे या नमकीन होते हैं। भोजन में खट्टेपन का स्वाद, Acid की उपस्थिति के कारण होता है, जबकि भोजन का नमकीन स्वाद उसमें उपस्थित Salt के कारण होता है। Cold drinks का bitter स्वाद उसमें उपस्थित Base के कारण होता है। अर्थात भोजन का तरह-तरह का स्वाद उसमें acid, salt, या base की उपस्थिति के कारण होता है।
अम्ल (Acid):-
- वे यौगिक पदार्थ जो स्वाद में खट्टें होते हैं एवं जिनका जलीय घोल नील लिटमस पेपर को लाल कर देता है, अम्ल कहलाते हैं।
- 1884 में स्वान्ते आरेनिअस (स्वीडिश केमिस्ट) ने अम्ल को परिभाषित करते हुएकहा कि अम्ल वह पदार्थ हैं जो जल के साथ मिश्रित होने के उपरान्त हाइड्रोजन आयन (H+) प्रदान करते हैं, या वैकल्पिक रूप से, एक इलेक्ट्रॉन जोड़ी (एक लुईस एसिड) के साथ एक सहसंयोजक बंधन बनाने में सक्षम है।
- 1923 में रसायनज्ञ जोहानिस निकोलस ब्रोन्स्टेड और थॉमस मार्टिन लॉरी ने स्वतंत्र रूप से मान्यता दी कि एसिड-बेस प्रतिक्रियाओं में प्रोटॉन के स्थानांतरण शामिल हैं।
- 1923 में गिलबर्ट एन. लुईस द्वारा, एक लुईस एसिड एक प्रजाति है जो एक इलेक्ट्रॉन जोड़ी स्वीकर्ता है।
- ब्रोन्स्टेड-लोरी एसिड (या बस ब्रोन्स्टेड एसिड) एक प्रजाति है जो ब्रोनस्टेड-लोरी आधार के लिए एक प्रोटॉन दान करता है।
- एसिड शब्द लैटिन 'एसिडस' से बना जिसका अर्थ से खट्टा है।
- Acid का pH 7 से कम होता है।
- सामान्य: HCl (पेट में गैस्ट्रिक एसिड), एसिटिक एसिड (सिरका), सल्फ्यूरिक एसिड (बैटरी), साइट्रिक एसिड (खट्टे फल)
- अम्ल की दूसरी श्रेणी लुईस अम्ल है, जो एक इलेक्ट्रॉन जोड़ी के साथ एक सहसंयोजक बंधन बनाती है।
Types of Acids.....
a)Natural acidb)Mineral acid
A)Natural Acid or Organic Acid- जिन्हें प्राकृतिक श्रोत से (Plants, Animal आदि) से प्राप्त किया जाता है, को Natural acids कहते हैं। जैसे- Citric acid, Acetic acid, Lactic acid, Tartaric acid, Oxalic acid, Formic acid इत्यादि।
कुछ प्राकृतिक अम्ल के श्रोत (Sources of some Natural Acids)-
- साइट्रिक एसिड- नीबूं, संतरा तथा प्राय: सभी खट्टे फलों में पाया जाता है।
- एसीटिक अम्ल- Vinegar में पाया जाता है।
- टारटेरिक एसिड- Tamarind (ईमली) में पाया जाता है।
- ऑक्जेलिक एसिड- टमाटर) में पाया जाता है।
- लैक्टिक एसिड- दूध, दही आदि में पाया जाता है।
- फ़ॉर्मिक एसिड- चींटियों के डंक, Nettle नामक पौधों के रोएं या काँटों (Nettle sting) में पाया जाता है।
- एसक़ॉर्बिक एसिड- अमरूद, आँवला आदि में पाया जाता है।
- बेन्जोइक अम्ल- घास, पत्ते एवं मूत्र।
a)ऑक्सी अम्ल (HNO3, H3PO4)- जिनमे H और O दोनों उपस्थित हो।
b)हाइड्रा अम्ल (HCl,HCN)-जिनमे केवल हाइड्रोजन उपस्थित हो।
कुछ अन्य तथ्य.....
- प्रबल अम्ल- सभी खनिज अम्ल केवल कार्बोनिक अम्ल को छोडकर, प्रबल अम्ल होते हैं। (सल्फ्यूरिक, हाइड्रोक्लोरिक, नाइट्रिक और फास्फोरिक अम्ल)
- दुर्बल अम्ल- सभी organic acid या प्राकृतिक श्रोतों से प्राप्त अम्ल दुर्बल अम्ल होते हैं।(टारटेरिक एसिड, ऑक्जेलिक एसिड, फ़ॉर्मिक अम्ल)
- सान्द्र अम्ल (Concentrated Acid)- जलीय घोल, जिसमें अम्ल के घटक का आयतन सर्वाधिक हो और अम्ल नहीं घुल सके को सान्द्र अम्ल (Concentrated Acid) कहते हैं।
- सान्द्रता की परिभाषा- घटक की मात्रा भागें कुल मिश्रण का आयतन।
- अम्ल की सान्द्रता- जलीय घोल में अम्ल के घटक का आयतन घटने के साथ घटती है तथा अम्ल के घटक का आयतन बढने के साथ घटती है।
- तनु अम्ल- जलीय घोल, जिसमें अम्ल के घटक का न्यूनतम हो तथा और अम्ल घुल सके, कोतनु अम्ल कहते हैं।
- अम्ल का तनुकरण, घोलक के आयतन बढने के साथ साथ बढती है तथा घोलक के आयतन घटने के साथ साथ घटती है।
- अम्ल राज (Aqua Regia)- यह 3:1 में (HCl & HNO3) का मिश्रण हैं। यह सोना और प्लैटिनम को गलाने में समर्थ रखता हैं।
क्षारक (Bases)-
- ऐसे पदार्थ जिनका स्वाद कड़वा होता है और जो स्पर्श करने पर साबुन जैसे लगते हैं, भस्म या क्षारक या बेस कहलाते हैं। जो भस्म या क्षारक जल में अत्याधिक घुलनशील होते हैं, वे क्षार (एल्कली)कहलाते हैं।
- ब्रोन्स्टेड-लोरी क्षार एक प्रजाति है जो ब्रोनस्टेड-लोरी आधार के लिए एक प्रोटॉन ग्रहण कर सकता हैं।
- लुईस क्षार एक प्रजाति हैं जिसमे एक जोड़ी इलेक्ट्रोन निर्जन की क्षमता हो।
- वें जो जल में मिश्रित करने के फलस्वरूप (OH)- आयन प्रदान करते हैं क्षारक कहलाते हैं।
- क्षारक कार्बनिक पदार्थो को नष्ट कर देते हैं।
- क्षार दो प्रकार के होते हैं - जल में विलेय भस्म (KOH, NaOH) और अविलेय भस्म{ZnO,Cu(OH)2}
- मिल्क ऑफ़ मैग्नीशिया [Mg(OH)2]- पेट की अम्लीयता को दूर करने में।
कुछ प्रमुख अभिक्रिया....
(a).Hydronium ion)- जब अम्ल को जल में घोला जाता है तो वह आयनित हो जाता है तथा जल के अणुओं से अभिक्रिया करके हाइड्रोनियम आयन (H3O)+ बनाता है।
Eg - HCl + H2O → (H3O)+ + Cl-
(b).Neutralisation- अम्ल और क्षार के परस्पर अभिक्रिया करने पर लवण और जल बनने की क्रिया, उदासीनीकरण कहलाती है।
Eg-NaOH+HCl→NaCl+H2O
(c).Ionisation- किसी यौगिक का धनायन(+) तथा ऋणायन (-) में टुट जाना ही आयनीकरण कहलाता है।
Eg-NaCl→(Na+)+Cl-
नोट-
- सभी क्षारक क्षार होतें हैं लेकिन सभी क्षार क्षारक नही होते। (Eg - CuO, CaO, MgO etc)
- क्षार हैं क्योंकि ये अम्ल से क्रिया करके लवण और जल बनाते हैं, लेकिन क्षारक नही हैं क्योकि ये जल में घुलकर (OH)- नहीं देते हैं।
लवण (Salt)-
- टेबल नमक या साधारण नमक मुख्य रूप से सोडियम क्लोराइड (NaCl) से बने एक खनिज है।
- खाद्य नमक को समुद्री नमक और टेबल नमक के रूप में बेच दिया जाता है, जिसमें आम तौर पर एक एंटी-कोकिंग एजेंट होता है और आयोडीन की कमी को रोकने के लिए आयोडेड हो सकता है।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, वयस्कों को प्रतिदिन 5 ग्राम नमक के बराबर 2,000 मिलीग्राम सोडियम का उपभोग करना चाहिए।
- हेरोडोटस ने 5वीं शताब्दी ईसा पूर्व में लिबिया में नमक व्यापार मार्गों का वर्णन किया था।
- 1930 में, महात्मा गांधी ने "दांडी मार्च" या "नमक सत्याग्रह" पर कम से कम 100,000 लोगों का नेतृत्व किया।
- आयोडीन मानव के लिए एक महत्वपूर्ण सूक्ष्म पोषक तत्व है, और तत्व की कमी के कारण बच्चों में थायरॉक्साइन (हाइपोडायरायडिज्म) और थायरॉयड ग्रंथि (स्थानिक गोइटर) का विस्तार वयस्कों या क्रिटीनिज़्म का स्तर कम हो सकता है।
- टेबल नमक एक परिष्कृत नमक होता है जिसमें 97 से 99 प्रतिशत सोडियम क्लोराइड होता है।
- USA में, FDA ने पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए प्रतिदिन आयोडीन की 150 माइक्रोग्राम की सिफारिश की है। अमेरिका के आयोडीनयुक्त नमक में 46-77 पीपीएम होते हैं। सोडाल फेरोसायनैड, जिसे सोडा के पीले प्रोशियाियेट भी कहा जाता है, कभी-कभी एक एंटीकिंग एजेंट के रूप में नमक में जोड़ा जाता है।
- 2013 में, नमक का कुल विश्व उत्पादन 264 मिलियन टन था, शीर्ष पांच उत्पादक देश चीन (71 मिलियन), संयुक्त राज्य अमेरिका (40 मिलियन), भारत (18 मिलियन), जर्मनी (12 मिलियन) और कनाडा (11 मिलियन) थे।
लवण के प्रकार(Types of salts)- लवण मुख्यतः 6 प्रकार के होते हैं...
- सामान्य लवण (Common Salt) : किसी अम्लीय अणु से हाइड्रोजन परमाणु के पूर्णत: स्थानातंरण द्वारा होता है। इसे रॉक्साल्ट भी कहते हैं। उदाहरण- NaCl,KCl,MgCl2 आदि।
- अम्लीय लवण (Acidic Salt) : अम्लीय लवण में एक या एक से अधिक स्थानांतरण योग्य हाइड्रोजन परमाणु बने रहते हैं। उदाहरण- NaHSO4,NaHCO3, Na2HPO4 & KHSO4 आदि।
- भास्मिक लवण (Ashy Salt) : जो लवण हाइड्रोक्साइड समूह (OH-आयन) को अपने साथ रखता हैं। उदाहरण - Ca(OH)Cl, Mg(OH)Cl आदि।
- क्षारिक लवण (Basic Salt) : यह एक सामान्य लवण है और इसका निर्माण कमजोर अम्ल व प्रबल भस्म के माध्यम से होता हैं ( या हाइड्रॉक्साइड और अन्य आयनों दोनों की मात्रा होती है)। उदाहरण- Na2B4O7
- द्विक लवण(Double Salt) : दो अलग-अलग नमक के संयोजन से प्राप्त होते हैं तथा जल में घुल कर दो प्रकार के धातुई आयन निर्गत करता हैं। उदाहरण - पोटाश एलम (K2SO4.Al2(SO4)3.24H2O), मोहर लवण(FeSO4.(NH4)2.6H2O)
- जटिल लवण(Complex Salt) : इसमें केन्द्रीय धातुई आयन के चारों ओर से उदासीन अणुओ या अयनों से घिरा होता है। उदाहरण-Na[Ag(CN)2], K4[Fe(CN)6] आदि।
PH सूचक(pH Indicators) - ऐसे पदार्थ जो किसी रासायनिक अभिक्रिया के पुर्ण होने की जानकारी देते हैं या सूचक पीएच के आधार पर बदलने के लिए समाधान का रंग होता है,सूचक कहलाते हैं।
कुछ प्रमुख सूचक तथा अम्लीय और क्षारीय विलयन में उनके रंग (Some Prominent Indicators and their color in Acidic and Alkaline Solution)..........
- लिटमस पत्र(Litmus paper)- अम्लीय (नीला) और क्षारीय (लाल)
- मेथिल रेड(Methyl red)- अम्लीय (लाल) और क्षारीय (पीला)
- मिथाइल वायलेट (Methyl violet)- अम्लीय (पीला) और क्षारीय (ब्लू-वायलेट)
- मेथिल आरेन्ज(methyl orange)- अम्लीय (लाल) और क्षारीय (पीला)
- फिनॅाल्फ्थेलीन(Phenolphthalein)- अम्लीय (रंगहीन) और क्षारीय (गुलाबी)
PH पैमाना(pH scale):- यह किसी विलयन की अम्लीयता या क्षारकता को मापता है। pH मान(pH value) किसी विलयन का pH मान यह बताता है की वह विलयन अम्लिय है अथवा क्षारीय है।
- इसका पूरा नाम पोटेंशियल ऑफ़ हाइड्रोजन हैं।
- पीएच की अवधारणा को पहली बार 1909 में कार्ल्सबर्ग प्रयोगशाला में डेनमार्क के रसायनज्ञ सोरेन पेडर लॉरित्ज़ सोरेनसेन द्वारा पेश किया गया था।
- इस मापक्रम का मान 1 से 14 तक होता हैं।
- pH मान 7 होने पर उदासीन, 7 से कम होने पर अम्लीय तथा 7 से अधिक होने पर क्षारीय होता हैं।
pH मान की गणना(pH value counting)- यदि किसी विलयन में (H+) की सांद्रता x मोल/ली० हो, तो उसका pH= -log10(H+)
उदाहरण:- यदि किसी विलयन में (H+) की सांद्रता 1.0x10-3 मोल/ली० हो,तो विलयन के pH मान की गणना कीजिए।
उत्तर - pH मान= -log10(1.0x10-3) =3X(log1010) =3
pOH मान की गणना- यदि किसी विलयन में (OH)- की सांद्रता X मोल/ली० हो,तो pOH=-log10(OH-)
उदाहरण- यदि किसी विलयन में (OH-) की सांद्रता 1.0x10-2 हो,तो विलयन के pOH मान की गणना कीजिए।
उत्तर - pOH=-log10(1.0x10-2) =2X (log1010) =2
याद रखें- pH+pOH=14
कुछ प्रमुख पदार्थों के pH मान
- water)- 7
- Gastric acid- 1.5-3.5
- Lysosomes- 4.5
- Human skin- 4.7
- Urine- 6.0
- Blood (natural pH)- 7.34–7.45
- Stomach liquid- 1.4
- Lemon's juice)- 2.2
- Tomato's juice- 4.2
- Black Coffee- 5.0
- Lime's Water- 10.5
- Human's sliva- 6.4
- Milk)- 6.8
- Egg/Sea's Water - 7.8
- Milk of Magnishiya)- 10.5
- NaOH- 14
- Acid's Rains- 5.6
- Cool Drinks/Vinegar- 2.2
- Tooth decay- Less than 5.5
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