सबरीमाला मंदिर में अब सभी महिलाओं के प्रवेश को मिली अनुमति: सुप्रीम कोर्ट

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केरल के सबरीमाला में स्थित अय्यप्पा स्वामी मंदिर में 10 साल से 50 साल की उम्र की महिलाओं के प्रवेश पर लगी पाबंदी हट गई है। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ ने 4:1 के बहुमत के फैसले में कहा कि केरल के सबरीमाला मंदिर में रजस्वला आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लैंगिक भेदभाव है और यह परिपाटी हिन्दू महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन करती है।  

  1. न्यायमूर्ति आर. एफ. नरीमन और न्यायमूर्ति डी. वाई. चन्द्रचूड़ अपने फैसलों में प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर के फैसले से सहमत हुए। न्यायमूर्ति इन्दु मल्होत्रा ने बहुमत से अलग अपना फैसला पढ़ा।
  2. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा- लिंग के आधार पर श्रद्धालुओं के साथ पूजा के अधिकार में भेदभाव नहीं किया जा सकता है।
  3. जस्टिस इंदू मल्होत्रा ने कहा कि धार्मिक परंपराओं में कोर्ट को दखल नहीं देना चाहिए। किसी को अगर धार्मिक प्रथा में भरोसा है तो उसका सम्मान होना चाहिए। ये प्रथाएं संविधान से संरक्षित हैं और समानता के अधिकार को धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार के साथ ही देखना चाहिए। उनका कहना था कि कोर्ट का काम प्रथाओं को रद्द करना नहीं है।  
  4. जस्टिस नरीमन ने कहा कि मंदिर में महिलाओं को भी पूजा का समान अधिकार है। ये मौलिक अधिकार है। शारीरिक रचना के आधार पर भेदभाव असंवैधानिक हैं।
  5. आपको बता दें कि 1500 साल पहले से चली आ रही परंपरा के अनुसार महिलाओं को सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं थी। 
सबरीमाला मंदिर के बारें में... 

सबरीमाला मंदिर, तिरुवनंतपुरम से 175 किलोमीटर दूर पहाड़ियों पर स्थित है। ये मंदिर चारों तरफ से पहाड़ियों से घिरा है। मलयालम भाषा में पर्वत को शबरीमला कहा जाता है। 18 पहाड़ियों के बीच स्थित होने के कारण इसका नाम सबरिमलय रखा गया।
  1. सबरीमाला मंदिर दक्षिण भारत का ऐसा तीर्थस्थल है जहां हर साल करोड़ों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं।
  2. पौराणिक कथाओं के अनुसार, अयप्पा को भगवान शिव और मोहिनी ( भगवान विष्णु का एक रूप) का पुत्र माना जाता है। इनका एक नाम हरिहरपुत्र भी है। हरि यानी विष्णु और हर यानी शिव। इसके अलावा इसको अयप्पन, शास्ता और मणिकांता नाम से भी जाना जाता है।
  3. मान्यता है कि भगवान परशुराम ने अय्यपन पूजा के लिए सबरीमाला में मूर्ति की स्थापना की थी। 
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