सिंधी आध्यात्मिक गुरु दादा वासवानी का निधन

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सिंधी समुदाय के प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु, दार्शनिक, समाज सेवी साधु जे.पी.वासवानी का पुणे, महाराष्ट्र में 99 वर्ष की आयु में निधन हो गया है।

  1. आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा, 'दादा वासवानी जी ने आज (गुरुवार यानि 12 जुलाई ) सुबह 9.01 बजे आखिरी सांस ली। उनका पार्थिव शरीर उनके आश्रम साधु वासवानी मिशन में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है।'
  2. दादा वासवानी का जन्म पाकिस्तान के हैदराबाद शहर 2 अगस्त, 1918 को एक सिंधी दंपति पहलाजराए व कृष्णा देवी वासवानी के घर हुआ था। वह अपने माता-पिता की सात संतानों में एक थे। उनका पूरा नाम जशन पहलराज वासवानी था। उन्होंने फिजिक्स में पोस्टग्रैजुएशन किया। यहां तक कि उनकी थीसिस 'द स्कैटरिंग ऑफ एक्स-रे बाय सॉलिड्स' नोबल पुरस्कार विजेता सीवी रमन ने जांची थी।
  3. जे.पी.वासवानी ने 'साधु वासवानी मिशन' का नेतृत्व किया। इसकी स्थापना उनके चाचा व आध्यात्मिक गुरु दिवंगत साधु टी.एल.वासवानी ने हैदराबाद (सिंध, पाकिस्तान) में 1929 में की थी। 
  4. उनके 1966 में निधन के बाद, साधु जे.पी.वासवानी उनके उत्तराधिकारी बने और उन्होंने गुरु मिशन की विरासत को वैश्विक स्तर पर आगे बढ़ाया।
  5. विश्व शांति, शाकाहार, लड़कियों की शिक्षा, गरीबों के प्रति करुणा के समर्थक होने के साथ साधु वासवानी ने लंदन में ब्रिटिश हाउस ऑफ कॉमन्स, ऑक्सफोर्ड में आध्यात्मिक नेताओं के वैश्विक फोरम, शिकागो में विश्व धर्म संसद, संयुक्त राष्ट्र में धार्मिक व आध्यात्मिक नेताओं के मिलेनियम विश्व शांति शिखर सम्मेलन व दक्षिण अफ्रीका में विश्व धर्म की संसद को संबोधित किया था।
  6. साधु वासवानी को विभिन्न राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त हुए थे, जिमें यू थांट पीस अवॉर्ड 1998, पोप जॉन पाल द्वितीय के साथ संयुक्त रूप से प्राप्त हुआ था।
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