सरहदी गांधी (Frontier Gandhi) : गांधी का फरिश्ता

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भारत रत्न ख़ान अब्दुल ग़फ़्फ़ार ख़ान बलूचिस्तान के एक महान राजनेता थे। जिन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया और अपने कार्य और निष्ठा के कारण "फ्रंटियर गांधी या सरहदी गांधी (सीमान्त गांधी), "बच्चा खाँ" तथा "बादशाह खान" के नाम से जाना जाता हैं। 

  1. फ्रंटियर गांधी यानि खान अब्दुल गफ्फार खान का जन्म 6 फरवरी, 1890 को ब्रिटिश इंडिया में पेशावर घाटी के उत्मान जई में एक समृद्ध परिवार मैं हुआ था।
  2. उनके परदादा आबेदुल्ला खान सत्यवादी होने के साथ ही लड़ाकू स्वभाव के थे। इसी प्रकार बादशाह खाँ के दादा सैफुल्ला खान भी लड़ाकू स्वभाव के थे। उनके पिता बैराम खान का शांत स्वभाव और ईश्वरभक्ति में लीन रहा करते थे। 
  3. उनके पिता बहराम इलाके के एक समृद्ध ज़मींदार थे और स्थानीय पठानों के विरोध के बावजूद उन्होंने अपने दोनों बेटों को अंग्रेजों द्वारा संचालित ‘मिशन स्कूल’ में पढ़ाया।
  4. खान अब्दुल गफ्फार खां ने 1929 में खुदाई खिदमतगार (‘सुर्ख पोश या लाल कुर्ती') आंदोलन शुरू किया। खुदाई खिदमतगार, गांधीजी के अहिंसा आंदोलन से प्रेरित था।
  5. महात्मा गांधी के नमक सत्याग्रह में शामिल होने वाले बाचा खान को 23 अप्रैल, 1923 को अंग्रेजों ने गिरफ्तार कर लिया।
  6. खुदाई खिदमतगार के समर्थन में लोग पेशावर के किस्सा ख्वानी बाजार में इकट्ठा हुए। अंग्रेजों ने इन लोगों पर मशीनगन से गोली चलाने का आदेश दे दिया।लेकिन चंद्रसिंह गढ़वाली के नेतृत्व में गढ़वाल राइफल्स रेजिमेंट ने अहिंसक प्रदर्शन कर रहे लोगों पर गोली चलाने से इनकार कर दिया। बाद में चंद्रसिंह गढ़वाली और उनके सैनिकों को कोर्ट मार्शल की कार्रवाई झेलनी पड़ी।
  7. खान अब्दुल गफ्फार खान देश के बंटवारे के बिल्कुल खिलाफ थे। जब कांग्रेस ने मुस्लिम लीग की मांग को स्वीकार कर लिया तो इस फ्रंटियर गांधी ने कहा था:- "आपने तो हमें भेड़ियों के सामने फेंक दिया है।" 
  8. 21 मार्च, 1931 को लंदन द्वितीय गोल मेज सम्मेलन के पूर्व महात्मा गांधी और तत्कालीन वाइसराय लार्ड इरविन के बीच एक राजनैतिक समझौता हुआ जिसे 'गांधी-इरविन समझौता' कहते हैं।
  9. जून, 1947 में खान साहब और उनका संगठन खुदाई खिदमतगार एक "बन्नू रेजोल्यूशन (Bannu Resolution)" लेकर आया, जिसमें पश्तूनों के लिए अलग देश 'पश्तूनिस्तान' की मांग की थी। हालांकि अंग्रेजों ने उनकी इस मांग को खारिज कर दिया।
  10. खान अब्दुल गफ्फार खान को 1987 में भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान "भारत रत्न" से सम्मनित किया गया। जो पहले गैर-भारतीय थे। 
  11. 20 जनवरी, 1988 में जब खान अब्दुल गफ्फार खान का निधन हुआ तो उस समय भी वह पेशावर के हाउस अरेस्ट थे। उनकी इच्छा के अनुसार, मृत्यु के बाद उन्हें अफगानिस्तान के जलालाबाद में दफनाया गया।
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