विश्व मधुमेह दिवस (World Diabetes Day) - 14 नवम्बर, 2017
विश्व मधुमेह दिवस (World Diabetes Day) हर साल विश्वभर में 14 नवंबर को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मधुमेह (Diabetes) रोग के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करना है ताकि समय रहते इसके लक्षणों का पता कर उचित उपचार किया जा सके।
- मधुमेह रोग के कारण एवं इसके विभिन्न पहलुओं को समझने हेतु कई लोग प्रयासरत थे। इनमें से एक जोड़ी फ्रेडरिक बैटिंग एवं चार्ल्स बेस्ट की भी थी, जो पैनक्रियाज ग्रन्थि द्वारा स्त्रावित तत्व के रसायनिक संरचना की खोज में लगे हुए थे। इस तत्व को इंसुलिन का नाम दिया गया।
- फ्रेडरिक बेटिंग के योगदान को याद रखने के लिए इंटरनेशनल डायबेटिक फेडरेशन द्वारा 14 नवंबर को दुनिया के 140 देशों में मधुमेह दिवस मनाया जाता है।
- प्रतीक चिह्न सन 2007 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा इस दिवस को अंगीकार करने के बाद इस का प्रतीक चिह्न नीला छल्ला चुना गया है। छल्ला या वृत्त, निरंतरता का प्रतीक है। वृत्त इस बात का प्रतीक है विश्व के सभी लोग इस पर काबू पाने के लिये एकजुट हों। नीला रंग आकाश, सहयोग और व्यापकता का प्रतीक है।
- इस प्रतीक चिह्न के साथ जो सूत्र वाक्य- मधुमेह के लिए एकजुटता
- वर्ष 2017 का विषय- Women and diabetes - our right to a healthy future
- बच्चों में मुख्यतः प्रकार-1 मधुमेह होता है, जिसके चिकित्सा के लिए जीवन पर्यन्त इंसुलिन लेना होता है।`
पहली बार विश्व मधुमेह दिवस का आयोजन, विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) और अंतर्राष्ट्रीय मधुमेह संघ (International Diabetes Federation) द्वारा सन 1991 में 14 नवम्बर के दिन किया गया था।
- 14 नवम्बर को मनाने का एक मुख्य कारण यह भी है, क्योंकि इसी दिन इंसुलिन की खोज करने वाले वैज्ञानिक फ्रेडरिक का जन्म हुआ था।
Question- What is Diabetes?
Answer- खून में ग्लूकोज (शर्करा) का स्तर निर्धारित सीमा से अधिक होता है, तो ऐसी स्थिति को मधुमेह रोग कहते हैं।- दरअसल मधुमेह या डायबिटीज, जीवनशैली या वंशानुगत बीमारी है, जो शरीर में पैंक्रियाज ग्रंथियों (Pancreas Glands) के निष्क्रिय होने पर रोगी को प्रभावित करती है।
- पैंक्रियाज यानि अग्न्याशय ग्रंथियों के निष्क्रिय होने पर इंसुलिन (रक्त में शर्करा की मात्रा को संतुलित करने वाला हार्मोन) बनाना बंद हो जाता है।
- भूखे पेट (व्रत के दौरान) 100 मिग्रा से कम होना चाहिए।
- खाना खाने से पहले 70 से 130 मिग्रा के बीच होना चाहिए।
- खाना खाने के बाद रक्त में ग्लूकोज की मात्रा 180 मिग्रा से कम होनी चाहिए।
- सोते समय खून में शर्करा की सामान्य मात्रा 100 से 140 मिग्रा होती है।
- थकान, कमजोरी, पैरों में दर्द, क्योंकि ग्लूकोज ऊर्जा में परिवर्तित नहीं हो पाता।
- पैर का घाव ठीक न होना या गैंग्रीन का रूप ले लेना।
- अधिक पेशाब और भूख लगना।
- वजन कम होना।
- बार- बार चश्मे का नंबर बदलना।
- जननांगों में खुजली और संक्रमण होना।
Diagnosis for Diabetes- मधुमेह की जांच के लिए कई परिक्षण किए जाते हैं।
- बेनेडिक्ट टेस्ट (Benedict Test)
- ग्लूकोज ऑक्सीडेज टेस्ट (Glucose Oxidase Test)
- खाली पेट रक्तशर्करा की जाँच (Sugar Level)
- ग्लूकोज टोलरेंस टेस्ट (Glucose Tolerance Test)
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, मधुमेह एशिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है, जिसका प्रभाव सबसे अधिक भारत में देखा गया है।
- अंतर्राष्ट्रीय मधुमेह फेडरेशन के मुताबिक, भारत में लगभग में 6.5 करोड़ वयस्क डायबिटीज और 7.7 करोड़ लोग प्री डायबिटीज की समस्या से पीड़ित हैं।
- अनुमान के मुताबिक, भारत में साल 2030 तक मधुमेह से पीड़ितों की संख्या लगभग 10 करोड़ और 2035 तक 10.9 करोड़ तक पहुंच सकती है।
- अगर किसी महिला की कमर 31 इंच यानी तकरीबन 80 सेंटीमीटर से ज्यादा है तो उसे मधुमेह हो सकता है। कमर और हिप अनुपात के जरिये इसका अनुमान भी लगाया जा सकता है।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में करीब 5 करोड़ मधुमेह मरीज हैं। जबकि दुनिया भर में इनकी तादाद 42 करोड़ तक पहुंच चुकी है।
- नेशनल हेल्थ सर्वे 2016 के अनुसार, वर्ष 2005 तक 12.6 फीसदी महिलाएं इसका शिकार थी। लेकिन अब यह आंकड़ा 20.7 फीसदी पर पहुंच चुका है।
- विज्ञान मंत्रालय के वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की आयुर्वेद दवा बीजीआर-34 को देश में टॉप 20 का दर्जा प्राप्त हुआ है।
- लखनऊ स्थित सीएसआईआर की प्रयोगशाला नेशनल बॉटनीकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (एनबीआरआई) के वैज्ञानिक डॉ. ए. के. एस. रावत ने बताया कि फार्मास्युटिक मार्केट रिसर्च आर्गेनाइजेशन एआईओसीडी अवाक्स की ताजा रिपोर्ट में पिछले दो सालों के भीतर बाजार में आने वाले 6414 दवा ब्रांडों में से टॉप-20 को चुना गया था, जिसमें सीएसआईआर की मधुमेह रोधी दवा बीजीआर-34 को भी शामिल किया है।
- भारत में तमिलनाडु में डा. रामचन्द्रन द्वारा किये गये एक सर्वेक्षण में 13 से 18 वर्ष के बच्चो में 18% में मोटापा पाया गया।
- खानपान की ख़राबी और शारीरिक श्रम की कमी के कारण पिछले दशक में मधुमेह होने की दर दुनिया के हर देश में बढ़ी है।
- भारत जैसे देशों में क़रीब 340 से 350 लाख व्यक्ति इस व्याधि का शिकार हैं, जो एक विश्व रिकार्ड है। 17% नगरवासी एवं 2.5% ग्रामवासी इस बीमारी से पीड़ित हैं।
- मधुमेह (डायबिटीज) के कारण ही किडनी की ख़राबी, हृदय आघात, पैरों का गैन्ग्रीन और आंखों का अन्धापन अब भारत की मुख्य स्वास्थ्य समस्या बन चुकी है। ग़लत ख़ानपान एवं आलसी जीवन शैली के कारण दिन-प्रतिदिन कम उम्र के लोगों में यह बीमारी हो रही है।
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