देश में नहीं खुलेगा इस्लामिक बैंक( Islamic Banking ), आरबीआई ने खारिज किया प्रस्ताव
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने देश में इस्लामिक बैंक खोले जाने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है।
सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए आरबीआई ने कहा कि सभी नागरिकों के बैंकिंग और अन्य वित्तीय सेवाओं तक आसान पहुंच को ध्यान में रखते हुए इस्लामिक बैंक के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है।
सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए आरबीआई ने कहा कि सभी नागरिकों के बैंकिंग और अन्य वित्तीय सेवाओं तक आसान पहुंच को ध्यान में रखते हुए इस्लामिक बैंक के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है।
- इस्लामिक बैंक या शरिया बैंक इस्लाम के सिद्धांत के आधार पर काम करता है, जिसमें ब्याज नहीं वसूला जाता है।
- सरकार और आऱबीआई दोनों ने इस्लामिक बैंक के प्रस्ताव की समीक्षा की।
- आरटीआई के जवाब में कहा गया कि 'देश के सभी नागरिकों को उपलब्ध बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं की उपलब्धता के आधार पर इस्लामिक बैंक के प्रस्ताव को खारिज करने का फैसला लिया गया है।'
- गौरतलब है कि प्रधानमंत्री 28 अगस्त, 2014 को जन-धन योजना का ऐलान किया था।
- 2008 में पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन की अध्यक्षता में गठित 'कमेटी ऑन फाइनैंशियल रिफॉर्म्स' ने देश में ब्याज मुक्त बैंक के प्रस्ताव की गंभीरता से अध्यय करने की सलाह दी थी।
- बाद में, केंद्र सरकार ने एक अंतर-विभागीय समूह (आईडीजी) का गठन किया गया, जिसने देश में ब्याज मुक्त बैंकिंग व्यवस्था शुरू करने के मुद्दे के कानूनी, तकनीकी तथा नियामक पहलू पर विचार करते हुए अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी।
- इस्लामिक बैंकिंग कई देशों में प्रचलित है और स्टैंडर्ड चार्टर्ड और हॉन्गकॉन्ग ऐंड शंघाई बैंकिंग कॉर्पोरेशन अपने पंरपरागत बैंकिंग ऑपरेशन के साथ इस्लामिक बैंकिंग को भी चला रहे हैं।
- इस्लामिक विकास बैंक (ISDB) जेद्दाह, सऊदी अरब में स्थित एक बहुपक्षीय विकास के लिए वित्तपोषण करने वाली संस्था है। यह 1973 में आर्गेनाईजेशन ऑफ़ इस्लामिक कॉन्फ्रेंस (अब इस्लामिक सहयोग संगठन कहलाता है) के वित्त मंत्रियों द्वारा स्थापित किया गया था।
- विश्व का पहला इस्लामिक बैंक मलेशिया में 1983 में स्थापित हुआ था।
- इस्लामिक बैंकिंग स्कीम के तहत 1993 में कॉमर्शियल, मर्चेंट बैंकों और वित्तीय कंपनियों ने इस्लामिक बैंकिंग प्रॉडक्ट और सर्विसेज प्रस्तुत करने शुरू किए।
- 'द टाइम्स ऑफ इंडिया' की खबर के मुताबिक बैंक शरिया कानून के अनुसार काम करता है। बैंक का मकसद उसके सदस्य देशों की अर्थव्यवस्था और सामाजिक विकास के लिए काम करना है। बैंक के 56 इस्लामिक देश सदस्य हैं।
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