विश्व जनसंख्या दिवस का संक्षिप्त परिचय (Brief Introduction of World Population Day)

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विश्व जनसंख्या दिवस(world population day) - 2017

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विश्व जनसंख्या दिवस (world population day)-2017
  • विषय(Theme) : ‘परिवार नियोजन-लोगों का सशक्तीकरण और देशों का विकास (फैमिली प्लानिंग: इम्पावरिंग पीपल, डिवेलपिंग नेशन्स)’
  • संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम की संचालक परिषद के द्वारा वर्ष 1989 में इसकी पहली बार शुरुआत हुई।
  • वैश्विक जनसंख्या 11 जुलाई 1987 में लगभग 5 अरब (बिलीयन) के आसपास हो गयी थी।

कुछ अन्य फैक्ट( Some Other Fact).... 

  1. आजादी के समय भारत की जनसंख्या 33 करोड़ थी|
  2. साल 1951 में भारत की आबादी 36 करोड़ थी, जो आज 127 करोड़ हो गई है।
  3. यूएन की रिर्पोट के अनुसार साल 2050 तक दुनिया की आबादी 9.8 अरब हो जाएगी।
  4. साल 2022 तक भारत जनसंख्या के मामले में चीन को पीछे छोड़ देगा।
  5. यूएन की रिर्पोट के अनुसार, अभी दुनिया की आबादी 7.349 अरब है, जो 2050 तक 9.725 अरब हो जाएगी।
  6. भारत, नाइजीरिया, कांगो, पाकिस्तान, इथियोपिया, तंजानिया, अमेरिका, यूगांडा और इंडोनेशिया का इसमें सबसे ज्यादा योगदान रहेगा। वैश्विक जनंसख्या वृद्धि में करीब 50 फीसद हिस्सा इन्हीं देशों का होगा।
  7. दुनिया की कुल आबादी की 18% आबादी भारत में रहती है तो वहीं चीन में 19% है।
  8. भारत की जनसंख्या विश्व जनसंख्या का 17.5 फीसद है। भूभाग के लिहाज के हमारे पास 2.5 फीसद जमीन है और चार फीसद जल संसाधन है।
  9. यूएन की रिपोर्ट के अनुसार, साल 1800 में दुनिया के तीन फीसदी जनसंख्या शहरों में रहती थी, वहीं 2050 तक 70 फीसदी जनसंख्या शहरों में रह रही होगी।
  10. यूएन की रिपोर्ट के अनुसार,
  • चीन की जनसंख्या 1,384,200,000
  • भारत- 1,318,350,000
  • अमेरिका- 325,386,000 
  • इंडोनेशिया- 263,991,000
  • ब्राजील -207,718,000 
11. कुछ राज्यों की जनसंख्या की तुलना....
  • तमिलनाडु की जनसंख्या, फ्रांस की जनसंख्या से अधिक है| 
  • ओडिशा की जनसंख्या, अर्जेटीना की जनसंख्या से अधिक है।
  • मध्य प्रदेश की जनसंख्या, थाईलैंड की जनसंख्या से ज्यादा है 
  • महाराष्ट्र की जनसंख्या, मैक्सिको की जनसंख्या को टक्कर दे रहा है। 
  • उत्तर प्रदेश की जनसंख्या, ब्राजील की जनसंख्या को पीछे छोड़ा है|
  • राजस्थान की जनसंख्या ने इटली को पछाड़ा है|
  • गुजरात की जनसंख्या ने दक्षिण अफ्रीका को पछाड़ा है|
  • पश्चिम बंगाल की जनसंख्या, वियतनाम की जनसंख्या से आगे बढ़ गया है। 
  • छोटे-छोटे राज्यों जैसे झारखंड, उत्तराखंड, केरल ने भी कई देशों जैसे युगांडा, ऑस्टिया, कनाडा, उज्बेकिस्तान को पीछे छोड़ दिया है।

विश्व जनसंख्या दिवस का इतिहास  (The History of World Population Day)

  • विश्व जनसंख्या दिवस, महान कार्यक्रम है जो 11 जुलाई को दुनिया भर में मनाया जाता है। यह दुनिया भर में जनसँख्या या बढ़ते आबादी के मुद्दों पर लोगों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है।
  • संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) की शासी परिषद द्वारा पहली बार 1989 में शुरू हुआ था।
  • जब आबादी करीब पांच बिलियन के करीब आ गई। तब वर्ष 1987 में 11 जुलाई को जनता के हित के लिए इस दिन की शुरुवात की गयी। यह दुनिया भर में आबादी मुद्दों पर लोगों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है।
  • विश्व के विकास के लिए यह बड़ी चुनौती थी, जब पृथ्वी की आबादी वर्ष 2011 में 7 बिलियन के पास पहुंच गई।
  • आंकड़ों के अनुसार, 1 जनवरी 2017 को विश्व की जनसंख्या 7,362,350,168 तक पहुंच गई है।

Quiz-1:- विश्व जनसंख्या दिवस क्यों मनाया जाता है?

Ans:-यूएनडीपी की गवर्निंग काउंसिल का लक्ष्य समुदाय के लोगों में प्रजनन स्वास्थ्य समस्याओं ध्यान देना है।
  • बीमार स्वास्थ्य ,दुनिया भर में गर्भवती महिलाओं की मौत का प्रमुख कारण है। लगभग 800 महिलाएं एक बच्चे को जन्म देने की प्रक्रिया में रोजाना मर रही हैं।
  • आंकड़ों के अनुसार, नोट किया गया कि 1 जनवरी 2017 विश्व की जनसंख्या 7,362,350,168 तक पहुंच गई है।
  • इस महान जागरूकता उत्सव के माध्यम से लोगों को बढ़ती आबादी, लिंग असमानता, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, गरीबी, मानव अधिकार, स्वास्थ्य के अधिकार, कामुकता की शिक्षा, निरोधकों और कंडोम, प्रजनन स्वास्थ्य, किशोर गर्भावस्था, लड़की की शिक्षा, बाल विवाह, यौन संचारित संक्रमण आदि के विषय में जानकारी दी जाती है|
  • आंकड़ों के मुताबिक विशेष रूप से 15 से 19 वर्ष की उम्र के बीच युवाओं के बीच लैंगिकता से जुड़ी समस्या को सुलझाना बहुत जरूरी है, यह कहा जाता है कि इस युग की लगभग 15 मिलियन महिलाओं ने प्रत्येक वर्ष जन्म दिया है और चार मिलियन गर्भपात के लिए गई हैं।

Quiz-2:- विश्व जनसंख्या दिवस कैसे मनाया जाता है?

Ans:- विश्व जनसंख्या दिवस,बढ़ती आबादी के मुद्दों पर सामूहिक लोगों के साथ मिलकर काम करने के लिए विभिन्न गतिविधियों और कार्यक्रमों का आयोजन करके मनाया जाता है।
  • कुछ कार्यक्रमों जैसे- सेमिनार, शैक्षिक प्रतियोगिताओं, निबंध लेखन, पोस्टर वितरण, गीत, खेल गतिविधि, भाषण, कविता, कलाकृति, नारे, विषयों और संदेश वितरण, कार्यशालाएं, व्याख्यान, प्रेस कॉन्फ्रेंस, न्यूज चैनल के जरिए बहस, गोल मेज की चर्चा, रेडियो और टेलीविजन पर जनसंख्या संबंधी कार्यक्रमों का रिले कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।

Quiz-3:-विश्व जनसँख्या दिवस मनाने का उद्देश्य क्या हैं?

Ans:- निम्नलिखित उद्देश्य हैं....
  1. लड़कियों और लड़कों दोनों के लिंग को संरक्षित करने और सशक्त बनाने के लिए मनाया जाता है।
  2. अपनी जिम्मेदारी को पूरी तरह समझने के काबिल होने तक शादी को रोकना तथा लैंगिकता संबंधी पूरी जानकारी देना। 
  3. युवाओं को उचित एवं अनुकूल उपायों का उपयोग करके अवांछित गर्भधारण से बचने के लिए शिक्षित करना।
  4. समाज से लैंगिक रूढ़िवाइयों को दूर करने के लिए शिक्षित करना।
  5. एसटीडी (यौन संचारित रोगों) के बारे में शिक्षित करना|
  6. बालिका अधिकारों की रक्षा के लिए प्रभावी कानूनों और नीतियों के कार्यान्वयन की मांग करना।     
  7. समय से पहले माँ बनने के खतरे को लेकर लोगों को शिक्षित करें। 
  8. लड़के-लड़कियों की एक-समान प्राथमिक शिक्षा तक पहुँच हो।
  9. हर जोड़े को प्राथमिक स्वास्थ्य, हर जगह प्रजनन स्वास्थ्य सेवायें आसानी से पहुंच सकें।

विश्व जनसंख्या दिवस का थीम 

  1. 2017 का विषय(Theme) था "परिवार नियोजन-लोगों का सशक्तीकरण और देशों का विकास"
  2. 2016 का विषय(Theme) था "किशोर बालिकाओं में निवेश"
  3. 2015 का विषय(Theme) था “आपातकाल में अतिसंवेदनशील जनसंख्या”।
  4. 2014 का विषय(Theme) था “जनसंख्या प्रचलन और संबंधित मुद्दे पर चिंता के लिये एक समय” और “युवा लोगों में निवेश करना”।
  5. 2013 का विषय(Theme) था “किशोर पन में गर्भावस्था पर ध्यान”।
  6. 2012 का विषय(Theme) था “जननीय स्वास्थ्य सेवा के लिये विश्वव्यापी पहुँच”।
  7. 2011 का विषय(Theme) था “7 बिलीयन कार्य”।     
  8. 2010 का विषय(Theme) था “जोड़े जाओ: कहो क्या चाहिये तुम्हे”।     
  9. 2009 का विषय(Theme) था “गरीबा से लड़ो: लड़कियों को शिक्षित करो”।     
  10. 2008 का विषय(Theme) था “अपना परिवार नियोजन करो: भविष्य नियोजन करो”।
  11. 2007 का विषय(Theme) था “मनुष्य कार्य पर है”।     
  12. 2006 का विषय(Theme) था “युवा होना कठिन है”।     
  13. 2005 का विषय(Theme) था “समानता से सशक्तिकरण”।     
  14. 2004 का विषय(Theme) था “10 पर आईसीपीडी”।     
  15. 2003 का विषय(Theme) था “1,000,000,000 किशोरवस्था”।     
  16. 2002 का विषय(Theme) था “गरीबी, जनसंख्या और विकास”     
  17. 2001 का विषय(Theme) था “जनसंख्या, पर्यावरण और विकास”।     
  18. 2000 का विषय(Theme) था “महिलाओं का जीवन बचाना”।     
  19. 1999 का विषय(Theme) था “6 बिलीयन के दिन से गिनना शुरु करें”।     
  20. 1998 का विषय(Theme) था “आनेवाला 6 बिलीयन”     
  21. 1997 का विषय(Theme) था “किशोर जननी स्वास्थ्य देख-रेख”।     
  22. 1996 का विषय(Theme) था “जननीय स्वास्थ्य और एड्स”।

विश्व जनसंख्या दिवस पर विचार

  • “आप शक्ति के द्वारा जनसंख्या को रोक नहीं सकते बल्कि इसे खर्च के द्वारा ध्यान हटाया जा सकता है”।– नोआम चोमस्की     
  • “इंसान के लिये भोजन उत्पादन करने के लिये अनिश्चित काल तक धरती से ज्यादा शक्ति जनसंख्या में है”।– थॉमस मालथुस     
  • “एक सीमित दुनिया केवल सीमित जनसंख्या को मदद कर सकती है, इसलिये, जनसंख्या वृद्धि जरुर अंतत: शून्य के बराबर होनी चाहिये”।– गैरेट हार्डिन
  • “जनसंख्या, जब अनियंत्रित होती है, एक ज्यामितीय अनुपात में बढ़ती है”।– थॉमस मालथुस
  • “जनसंख्या, जब अनियंत्रित होती है एक ज्यामितीय अनुपात में बढ़ती है” या हर 25 वर्ष खुद से दोगुना हो जाती है”।– थॉमस मालथुस     
  • “विश्व की लगभग आधी से ज्यादा जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में और ज्यादातर एक गरीबी की स्थिति में होते हैं ऐसी असमानता मानव विकास में एक प्रमुख कारण है अशांति का और विश्व के कुछ भागों में हिंसा भी है”।– एपीजे अब्दुल कलाम     
  • “जनसंख्या को स्थिरता प्रदान करने की मुख्य वजह गरीबी को घटाना या कम करना है”।– रोजर बेंगस्टन     
  • “जब परिवार छोटा होता है, चाहे जितना भी कम उनके पास है वो उसे बाँटने में सक्षम है, वहाँ शांति है”।– फिलीफ निजुंगा
  • “भोजन कुछ ऐसा है कि विश्व के ज्यादातर नेताओं के द्वारा स्वीकृत के लिये लिया गया है इस तथ्य के बावजूद कि विश्व की आधी से अधिक जनसंख्या भूखी है”।– नॉरमन बोरलाँग     
  • “जनसंख्या वृद्धि और खर्च में वृद्धि की जोड़ी एक खतरा है कि हमलोग तैयार नहीं है उसके लिये और कोई चीज हमें वैश्विक सहयोग में जरुरत होगी”।– मॉरिस स्ट्राँग
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