सामान्य अध्ययन(H/5) : "भारतीय इतिहास एवं संस्कृति" के व्याख्यात्मक सामान्य प्रश्नोत्तरी (10000 Quiz Series)
इतिहास (H/5 ) : "भारतीय इतिहास एवं संस्कृति" के व्याख्यात्मक सामान्य प्रश्नोत्तरी (10000 Quiz Series)
भारतीय इतिहास एवं संस्कृति : Quiz No. 101 से 125 तक |
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स्वामी विवेकानंद अनमोल वचन......." उठो, जागो और तब तक मत रूको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाए"
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Quiz-101.किस शासक को ‘रायपिथौरा’ कहा जाता है?- पृथ्वीराज चौहान कोविस्तार-
- पृथ्वीराज चौहान, चौहान वंश के हिंदू क्षत्रिय राजा थे जो उत्तरी भारत में 12 वीं सदी के उत्तरार्ध में अजमेर और दिल्ली पर राज्य करते थे।
- पृथ्वीराज चौहान का जन्म अजमेर राज्य के राजा सोमश्वर के यहाँ हुआ था। यह भारतेश्वर, पृथ्वीराजतृतीय, हिन्दुसम्राट्, सपादलक्षेश्वर, राय पिथौरा इत्यादि नाम से प्रसिद्ध हैं।
- अतः उनकी माता कर्पूरदेवी ही उस अल्पवयस्क पृथ्वीराज के स्थान पर संरक्षिका के रूप में राज्यकार्यों का वहन करती थी।
- संयोगिता, पृथ्वीराजतृतीय की पत्नी थी। पृथ्वीराज के साथ गान्धर्वविवाह करके वें पृथ्वीराज की अर्धाङ्गिनी बनी थी। संयोगिता को तिलोत्तमा, कान्तिमती, संजुक्ता इत्यादि नामों से भी जाना जाते थे। उनके पिता कन्नौज के राजा जयचन्द थे।
विस्तार-
- अनंगपाल दिल्ली के तोमर वंश के संस्थापक राजा थे। इन्होंने सन 736 ईसवी में इस राजवंश की दिल्ली के लालकोट में स्थापना की।
विस्तार-
- 'मिताक्षरा' संस्कृत भाषा में विज्ञानेश्वर द्वारा रचित धर्मशास्त्र का प्रसिद्ध ग्रन्थ है।
- बंगाल तथा असम के अतिरिक्त शेष भारत में हिन्दू क़ानून के विषय में 'मिताक्षरा' को प्रमाण माना जाता है।
- विज्ञानेश्वर ने यह माना है कि स्त्रियों के स्त्रीधन पर प्रथम अधिकार उसकी पुत्रियों का होता है।
विस्तार-
- मुहम्मद गौरी 12वीं शताब्दी का अफ़ग़ान सेनापति था जो 1202 ई. में ग़ोरी साम्राज्य का शासक बना।
- पहला आक्रमण मुल्तान (1175 ई.)पर किया था।
- पाटन (गुजरात) के शासक भीम द्वितीय पर मोहम्मद ग़ौरी ने 1178 ई. में आक्रमण किया किन्तु मोहम्मद ग़ौरी बुरी तरह पराजित हुआ।
विस्तार-
- यह दक्षिण एशिया के सबसे पुराने एवं सबसे लम्बे मार्गों में से एक है।
- यह हावड़ा के पश्चिम में स्थित बांगलादेश के चटगाँव से प्रारंभ होता है और लाहौर (पाकिस्तान) से होते हुए अफ़ग़ानिस्तान में काबुल तक जाता है।
विस्तार-
- 1928 में कनाडा के एक प्रमुख एथलीट बॉबी रॉबिन्सन को प्रथम राष्ट्र मंडल खेलों के आयोजन का भार सौंपा गया। ये खेल 1930 में हेमिल्टन शहर, ओंटेरियो, कनाडा में आयोजित किए गए और इसमें 11 देशों के 400 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया।
- प्रत्येक चार वर्ष में राष्ट्रमंडल खेलों का आयोजन किया जाता है। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान इनका आयोजन नहीं किया गया था। इन खेलों के अनेक नाम हैं, जैसे ब्रिटिश एम्पायर गेम्स, फ्रेंडली गेम्स और ब्रिटिश कॉमनवेल्थ गेम्स। वर्ष 1978 से इन्हें सिर्फ कॉमनवेल्थ गेम्स या राष्ट्रमंडल खेल कहा जाता है।
- 2010 राष्ट्रमण्डल खेल उन्नीसवें राष्ट्रमंडल खेल,आयोजन नई दिल्ली में अक्टूबर 2010 में किया गया। दिल्ली में इससे पहले 1951 और 1982 में एशियाई खेल भी आयोजित किए जा चुके हैं। उद्घाटन समारोह जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में हुआ।
- 2018 राष्ट्रमण्डल खेल एक अंतरराष्ट्रीय बहु-खेल स्पर्धा है जो कि 4 अप्रैल से 15 अप्रैल 2018 के मध्य गोल्ड कोस्ट, क्वींसलैंड, ऑस्ट्रेलिया में आयोजित होगी।
विस्तार-
- 'धन्वन्तरि-संहिता' आयुर्वेद का मूल ग्रन्थ है। आयुर्वेद के आदि आचार्य सुश्रुत मुनि ने धन्वन्तरि जी से ही इस शास्त्र का उपदेश प्राप्त किया था।
विस्तार-
- श्रीमती भीखाजी जी (24 सितंबर 1861-13 अगस्त 1936) भारतीय मूल की पारसी नागरिक थीं जिन्होने लन्दन, जर्मनी तथा अमेरिका का भ्रमण कर भारत की स्वतंत्रता के पक्ष में माहौल बनाया।
- भीकाजी ने वर्ष 1907 में अपने सहयोगी सरदारसिंह राणा की मदद से भारत का प्रथम तिरंगा राष्ट्रध्वज का पहला डिजाइन तैयार किया था। जिसे जर्मनी के स्टटगार्ट नगर में 22 अगस्त 1907 में हुई सातवीं अंतर्राष्ट्रीय कांग्रेस में 'भारत का प्रथम तिरंगा राष्ट्रध्वज' फहराया गया था|
विस्तार-
- इसकी स्थापना 10 जुलाई सन् 1800 को तत्कालीन गवर्नर जनरल लॉर्ड वेलेजली ने की थी। इस संस्था द्वारा संस्कृत, अरबी, फारसी, बंगला, हिन्दी, उर्दू आदि के हजारों पुस्तकों का अनुवाद हुआ।
- हिन्दुस्तानी भाषा जाँन बोर्थ्विक गिलक्रिस्ट के निर्देशन में सुचारू रूप से चला। वह उर्दू, अरबिक एवं संस्कृत का भी विद्वान था।
विस्तार-
- बहादुर शाह ज़फर(1775-1862) भारत में मुग़ल साम्राज्य के आखिरी शहंशाह थे| उन्होंने 1857 का प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में भारतीय सिपाहियों का नेतृत्व किया। युद्ध में हार के बाद अंग्रेजों ने उन्हें बर्मा (अब म्यांमार) भेज दिया जहाँ उनकी मृत्यु हुई।
- बहादुर शाह अकबर शाह द्वितीय और लालबाई के दूसरे पुत्र थे। उनकी मां लालबाई हिंदू परिवार से थीं।
- बहादुर शाह ज़फ़र की मृत्यु 86 वर्ष की अवस्था में रंगून (वर्तमान यांगून), बर्मा (वर्तमान म्यांमार) में हुई थी। उन्हें रंगून में श्वेडागोन पैगोडा के नजदीक दफनाया गया। उनके दफन स्थल को अब बहादुर शाह जफर दरगाह के नाम से जाना जाता है।
विस्तार-
- 1923 में वे भारतीय नेशनल काग्रेंस के सबसे कम उम्र के प्रेसीडेंट और वे भारत के पहले शिक्षा मंत्री बने।
- मौलाना आज़ाद, अफग़ान उलेमाओं के ख़ानदान से ताल्लुक रखते थे जो बाबर के समय हेरात से भारत आए थे। उनकी माँ अरबी मूल की थीं और उनके पिता मोहम्मद खैरुद्दीन एक फारसी (ईरानी, नृजातीय रूप से) थे।
- मोहम्मद खैरुद्दीन और उनके परिवार ने भारतीय स्वतंत्रता के पहले आन्दोलन के समय 1857 में कलकत्ता छोड़ कर मक्का चले गए। वहाँ पर मोहम्मद खॅरूद्दीन की मुलाकात अपनी होने वाली पत्नी से हुई। मोहम्मद खैरूद्दीन 1890 में भारत लौट गए।
विस्तार-
- जैनुल आबीदीन, कश्मीर का आठवां सुलतान था|
- उसने बहुसंख्यक हिन्दुओं पर लगने वाला जजिया कर नष्ट कर दिया था, यधपि वह एक मुस्लिम शासक था फिर भी उसके राज्य में गौहत्या बैन था किन्तु सती प्रथा बैन नहीं था|
विस्तार-
- अबु रेहान मुहम्मद बिन अहमद अल-बयरुनी या अल बेरुनी (973-1048) एक फ़ारसी विद्वान लेखक, वैज्ञानिक, धर्मज्ञ तथा विचारक था।
- अरबी में लिखी गई अल-बिरूनी की कृति ‘किताब-उल-हिन्द’ की भाषा सरल और स्पष्ट है।
विस्तार-
- ज़फ़रनामा अर्थात 'विजय पत्र' गुरु गोविंद सिंह द्वारा मुग़ल शासक औरंगज़ेब को लिखा गया था।
- ज़फ़रनामा, दसम ग्रंथ का एक भाग है और इसकी भाषा फ़ारसी है।
- पहला पत्र छत्रपति शिवाजी द्वारा राजा जयसिंह को लिखा गया तथा दूसरा पत्र गुरु गोविन्द सिंह द्वारा शासक औरंगज़ेब को लिखा गया, जिसे ज़फ़रनामा अर्थात 'विजय पत्र' कहते हैं।
विस्तार-
- ऐतिहासिक काव्य 'वीर विनोद' में राणा सांगा और बाबर के युद्ध का विस्तार से वर्णन किया गया है। बाबर 20,000 मुगल सैनिकों को लेकर राणा साथ युद्ध करने आया था। उसने सांगा की सेना के लोदी सेनापति को लालच दिया।
- बाबर और सांगा की पहली मुठभेड़ बयाना में और दूसरी खनवां नामक स्थान पर हुई थी। सांगा बहुत बहादुर थे और मरते दम तक लड़ते रहे। 16 अप्रैल, 1527 को यह लड़ाई हुई थी।
विस्तार-
- TNT पहली बार 1863 में जर्मन केमिस्ट जूलियस विलब्रांड के द्वारा बनाया गया था और पीला रंग के रूप इस्तेमाल किया गया था|
- इसके बिस्फोटक गुण की खोज जर्मन केमिस्ट कार्ल हौस्सेर्मन्न ने 1891 में की थी|
विस्तार-
- हवन या यज्ञ भारतीय परंपरा अथवा हिंदू धर्म में शुद्धीकरण का एक कर्मकांड है। कुण्ड में अग्नि के माध्यम से देवता के निकट हवि पहुँचाने की प्रक्रिया को यज्ञ कहते हैं।
- हवि, हव्य अथवा हविष्य वह पदार्थ हैं जिनकी अग्नि में आहुति दी जाती है, हवन कुंड में अग्नि प्रज्वलित करने के पश्चात इस पवित्र अग्नि में फल, शहद, घी, काष्ठ इत्यादि पदार्थों की आहुति प्रमुख होती है।
विस्तार-
- 'राजस्थान के इतिहास का मार्ग सर्वप्रथम प्रशस्त बनाने का श्रेय टॉड को है। 'राजस्थान' का प्रकाशन 1829 से 1832 के बीच में हुआ।
विस्तार-
- संध्याकर नंदी कृत 'रामपालचरित' पुस्तक में रामपाल को पाल वंश का अंतिम शासक बताया गया है।
- संध्याकर नंदी द्वारा रचित ऐतिहासिक संस्कृत काव्य 'रामपालचरित' में राजा रामपाल (लगभग 1075-1120 ई.) की उपलब्धियों का वर्णन है।
- रामपाल की शासन अवधि में ही 'कैवतों का विद्रोह' हुआ था, जिसका वर्णन 'रामपालचरित' में हुआ है।
विस्तार-
- 'नौजवान भारत सभा' का घोषणा-पत्र भगत सिंह और भगवती चरण वोहरा ने मिलकर 6 अप्रैल 1928 को तैयार किया था और 11 से 13 अप्रैल 1928 को सभा का सम्मेलन अमृतसर में सम्पन्न हुआ था, जिसमें भगत सिंह 'नौजवान भारत सभा' के महासचिव और भगवती चरण वोहरा प्रचार सचिव बने थे|
विस्तार-
- चांद बीबी(1550-1599)(अन्य नाम- चांद खातून या चांद सुल्ताना), एक भारतीय मुस्लिम महिला योद्धा थी। उन्होंने बीजापुर (1596-1599) और अहमदनगर (1580-1590) की संरक्षक के रूप में काम किया था।
- चांद बीबी अहमदनगर के हुसैन निजाम शाह प्रथम की बेटी और अहमदनगर के सुल्तान बुरहान-उल-मुल्क की बहन थी।
- चांद बीबी की शादी बीजापुर के पांचवे सुलतान अली आदिल शाह प्रथम से हुई थी| उनके पति द्वारा बीजापुर की पूर्वी सीमा के पास एक कुएं (बावड़ी) का निर्माण कराया गया और उनके नाम पर बावड़ी का नाम चांद बावड़ी रखा गया था।
विस्तार-
- मुहम्मद तुग़लक़ द्वारा स्थापित इस विभाग का मुख्य कार्य मालगुज़ारी व्यवस्था की देखभाल करना एवं भूमि को खेती योग्य बनाना होता था।
- राजामुंदरी के एक अभिलेख में मुहम्मद तुग़लक़ (जौना या जूना ख़ाँ) को दुनिया का ख़ान कहा गया है।
- तुग़लक़ ने अपनी दूसरी योजना के अन्तर्गत राजधानी को दिल्ली से देवगिरि स्थानान्तरित किया। देवगिरि को “कुव्वतुल इस्लाम” भी कहा गया।
- सुल्तान कुतुबुद्दीन मुबारक ख़िलजी ने देवगिरि का नाम 'कुतुबाबाद' रखा था और मुहम्मद बिन तुग़लक़ ने इसका नाम बदलकर दौलताबाद कर दिया।
- सिक्के संबंधी विविध प्रयोगों के कारण ही एडवर्ड टामस ने उसे ‘धनवानों का राजकुमार’ कहा है। मुहम्मद तुग़लक़ ने 'दोकानी' नामक सिक्के का प्रचलन करवाया।
विस्तार-
- प्राचीन यात्रियों के विवरण अनुसार अधिकतर विद्वान् कपिलवस्तु नेपाल के तिलौराकोट को मानते हैं जो नेपाल की तराई के नगर तौलिहवा से दो मील उत्तर की ओर हैं।
- बुद्ध शाक्य गण के राजा शुद्धोदन और महामाया के पुत्र थे। उनका जन्म लुंबिनी वन में हुआ जिसे अब रुम्मिनदेई कहते हैं। यहाँ अशोक का एक स्तंभलेख मिला है जिसका आशय है कि भगवान् बुद्ध के इस जन्मस्थान पर आकर अशोक ने पूजा की और स्तंभ खड़ा किया तथा "लुम्मिनीग्राम' के करके हल किए।
विस्तार-
- महमूद ने, आनंदपाल के शाही राज्य पर 1013 में हमला किया|
- महमूद का सबसे बड़ा आक्रमण 1026 ई. में काठियावाड़ के सोमनाथ मंदिर पर था। देश की पश्चिमी सीमा पर प्राचीन कुशस्थली और वर्तमान सौराष्ट्र (गुजरात) के काठियावाड़ में सागर तट पर सोमनाथ महादेव का प्राचीन मंदिर है।
- स्कंद पुराण में इसका उल्लेख मिलता है। चालुक्य वंश का भीम प्रथम उस समय काठियावाड़ का शासक था|
विस्तार-
- स्वस्तिक शब्द सु+अस+क से बना है। 'सु' का अर्थ अच्छा, 'अस' का अर्थ 'सत्ता' या 'अस्तित्व' और 'क' का अर्थ 'कर्त्ता' या करने वाले से है। इस प्रकार 'स्वस्तिक' शब्द का अर्थ हुआ 'अच्छा' या 'मंगल' करने वाला।
- अमरकोश के शब्द हैं - 'स्वस्तिक, सर्वतोऋद्ध' अर्थात् 'सभी दिशाओं में सबका कल्याण हो।'
- 'स्वस्तिक' शब्द की निरुक्ति है - 'स्वस्तिक क्षेम कायति, इति स्वस्तिकः' अर्थात् 'कुशलक्षेम या कल्याण का प्रतीक ही स्वस्तिक है।
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