सामान्य अध्ययन(H/1) : "भारतीय इतिहास एवं संस्कृति" के व्याख्यात्मक सामान्य प्रश्नोत्तरी (10000 Quiz Series)
इतिहास (H/1) : "भारतीय इतिहास एवं संस्कृति" के व्याख्यात्मक सामान्य प्रश्नोत्तरी (10000 Quiz Series)
भारतीय इतिहास एवं संस्कृति : Quiz No. 1 से 25 तक |
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स्वामी विवेकानंद अनमोल वचन......." उठो, जागो और तब तक मत रूको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाए"
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Quiz-1.हर्ष के शासन काल में 'भूमि कर 'कृषि उत्पाद का कितना भाग वसूला जाता था?- 1/6 भाग
विस्तार-
- यात्रियों में राजकुमार, नीति का पण्डित एवं वर्तमान शाक्यमुनि कहे जाने वाला चीनी यात्री ह्वेनसांग ने 630 से 640 ई. के बीच भारत की धरती पर पदार्पण किया।
- हर्ष ने कन्नौज को अपनी राजधानी बनाया। हर्ष को एक और नाम शिलादित्य से भी जाना जाता है। इसने परम् भट्टारक मगध नरेश की उपाधि ग्रहण की। चालुक्य नरेश पुलकेशिन द्वितीय ने हर्ष को ताप्ती नदी के किनारे परास्त किया। ऐहोल प्रशस्ति (634 ई.) में इसका उल्लेख मिलता है।
- हर्ष ने 'नागानन्द', 'रत्नावली' एवं 'प्रियदर्शिका' नामक नाटकों की रचना की। हर्ष बौद्ध धर्म की महायान शाखा का समर्थक होने के साथ-साथ विष्णु एवं शिव की भी स्तुति करता था।
- हर्ष ने लगभग 643ई. में कन्नौज तथा प्रयाग में दो विशाल धार्मिक सभाओं का आयोजन किया था। हर्ष द्वारा प्रयाग में आयोजित सभा को मोक्षपरिषद् कहा गया है।
- हर्ष के समय में राष्ट्रीय आय का एक चौथाई भाग उच्च कोटि के राज्य कर्मचारियों को वेतन या उपहार के रूप में, एक चौथाई भाग धार्मिक कार्यो के खर्च हेतु, एक चौथाई भाग शिक्षा के खर्च के लिए एवं एक चौथाई भाग राजा स्वयं अपने खर्च के लिए प्रयोग करता था।
- राजस्व के स्रोत के रूप में तीन प्रकार के करों का विवरण मिलता है- भाग, हिरण्य, एवं बलि। 'भाग' या भूमिकर पदार्थ के रूप में लिया जाता था। 'हिरण्य' नगद में रूप में लिया जाने वाला कर था। इस समय भूमिकर कृषि उत्पादन का 1/6 वसूला जाता था।
- ललितादित्य मुक्तापीड(काल 724-761 ई) कश्मीर के कर्कोटा वंश के हिन्दू सम्राट था|
- कर्कोट या कर्कोटक, कश्मीर का एक राजवंश, जिसने गोनंद वंश के पश्चात् कश्मीर पर अपना आधिपत्य जमाया।'कर्कोट', पुराणों में वर्णित एक प्रसिद्ध नाग का नाम है।
- गोनंद वंश का अंतिम नरेश बालादित्य पुत्रहीन था। उसने अपनी कन्या का विवाह दुर्लभवर्धन से किया जिसने कर्कोट वंश की स्थापना लगभग 627 ई. में की। इसी के राजत्वकाल में प्रसिद्ध चीनी चात्री युवान्च्वांग भारत आया था।
विस्तार-
- जहां एक ओर बुद्ध और अन्य दूसरे लोग स्त्रियों का संघ में आने और जीवन का दूसरा रास्ता अपनाने का विरोध कर रहे थे, वहीं आनंद, जो बुद्ध के चचेरे भाई थे, जैसे लोग भी थे जो स्त्रियों के संघ में आने दिए जाने का समर्थन और उसके लिए तर्क कर रहे थे।
Quiz-4.परमार वंश की राजधानी कहाँ थी?- धार
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फीडबैक एंड सुझाव दे!!!!
विस्तार-
- परमार वंश का आरम्भ नवीं शताब्दी के प्रारम्भ में नर्मदा नदी के उत्तर मालवा (प्राचीन अवन्ती) क्षेत्र में उपेन्द्र या कृष्णराज द्वारा हुआ था।
- इस वंश के शासकों ने 800 से 1327 ई. तक शासन किया।
- इस वंश के प्रारम्भिक शासक उपेन्द्र, वैरसिंह प्रथम, सीयक प्रथम, वाक्पति प्रथम एवं वैरसिंह द्वितीय थे।
- परमारों की प्रारम्भिक राजधानी उज्जैन में थी पर कालान्तर में राजधानी 'धार', मध्य प्रदेश में स्थानान्तरित कर ली गई।
- इस वंश का प्रथम स्वतंत्र एवं प्रतापी राजा 'सीयक अथवा श्रीहर्ष' था।
- परमार वंश में आठ राजा हुए, जिनमें सातवाँ वाक्पति मुंज (973 से 995 ई.) और आठवाँ मुंज का भतीजा भोज (1018 से 1060 ई.) सबसे प्रतापी थी।
विस्तार-
- इस वंश के काल को भारत का एक स्वर्ण युग माना जाता है।
- चन्द्रगुप्त द्धितीय, अन्य नाम देव, देवगुप्त, देवराज, देवश्री आदि हैं। उसने विक्रयांक, विक्रमादित्य, परम भागवत आदि उपाधियाँ धारण की। उसने नागवंश, वाकाटक और कदम्ब राजवंश के साथ वैवाहिक सम्बन्ध स्थापित किये।
- चन्द्रगुप्त द्वितीय ने नाग राजकुमारी कुबेर नागा के साथ विवाह किया जिससे एक कन्या प्रभावती गुप्त पैदा हुई। वाकाटकों का सहयोग पाने के लिए चन्द्रगुप्त ने अपनी पुत्री प्रभावती गुप्त का विवाह वाकाटक नरेश रूद्रसेन द्वितीय के साथ कर दिया।
विस्तार-
- बाबरी मस्जिद उत्तर प्रदेश के फैजाबाद जिले के अयोध्या शहर में रामकोट पहाड़ी ("राम का किला") पर एक मस्जिद थी। प्रथम मुगल सम्राट बाबर के आदेश पर 1527 में इस मस्जिद का निर्माण किया गया था।
- 1940 के दशक से पहले, मस्जिद को 'मस्जिद-इ-जन्मस्थान' कहा जाता था|
- बाबरी मस्जिद ध्वनिक और शीतलन प्रणाली-लॉर्ड विलियम बैन्टिक के वास्तुकार ग्राहम पिकफोर्ड के अनुसार "बाबरी मस्जिद के मेहराब से एक कानाफूसी भी दूसरे छोर से सुनी जा सकती है।" उनकी पुस्तक "हिस्टोरिक स्ट्रक्चर्स ऑफ़ अवध" में उन्होंने मस्जिद की ध्वनिकी का उल्लेख किया है|
- बाबरी मस्जिद की तुगलकी शैली में बनी हैं।
विस्तार-
- बादशाह बाबर की पुत्री और हुमायूँ की बहन थी।
- गुलबदन बेगम बहुत ही प्रतिभाशाली थी। उसने अपने भाई हुमायूँ के जमाने का विवरण एकत्र कर "हुमायूँनामा" नामक पुस्तक लिखी थी।
विस्तार-
- इस मकबरे को औरंगजेब के बेटे राजकुमार आजम शाह ने अपनी मां बेगम राबिया की याद में 1678 में बनवाया था।
- इस मकबरे के
वास्तुकार का नाम अता उल्लाह था जिसने ताजमहल को कॉपी करने की कोशिश की
थी लेकिन वह विफल रहा।
विस्तार-
- महाकवि माघ द्वारा रचित संस्कृत काव्य है। इसमें कृष्ण द्वारा शिशुपाल के वध की कथा का वर्णन है।
विस्तार-
- भास्कराचार्य या भाष्कर द्वितीय (1114 – 1185) प्राचीन भारत के एक प्रसिद्ध गणितज्ञ एवं ज्योतिषी थे।
- इनके द्वारा रचित मुख्य ग्रन्थ सिद्धान्त शिरोमणि है जिसमें लीलावती, बीजगणित, ग्रहगणित तथा गोलाध्याय नामक चार भाग हैं। ये चार भाग क्रमशः अंकगणित, बीजगणित, ग्रहों की गति से सम्बन्धित गणित तथा गोले से सम्बन्धित हैं।
विस्तार-
- नागभट्ट प्रथम गुर्जर प्रतिहार वंश का प्रथम ऐतिहासिक पुरुष था। इसे 'हरिशचन्द्र' के नाम से भी जाना जाता था।
- हरिशचन्द्र की दो पत्नियाँ थीं- एक ब्राह्मण थी और दूसरी क्षत्रिय। माना जाता है कि, ब्राह्मण पत्नी से उत्पन्न पुत्र 'माला' पर शासन कर रहा था तथा क्षत्रीय पत्नी से उत्पन्न पुत्र जोधपुर पर शासन कर रहा था।
- ग्वालियर अभिलेख से जानकारी मिलती है, जिसके अनुसार उसने अरबों को सिंध से आगे नहीं बढ़ने दिया।
विस्तार-
- खारवेल (193 ईसापूर्व) कलिंग (वर्तमान ओडिशा) में राज करने वाले महामेघवाहन वंश का तृतीय एवं सबसे महान तथा प्रख्यात सम्राट था।
- हाथीगुम्फा, भुवनेश्वर के निकट उदयगिरि पहाड़ियों में है। इस शिलालेख के अनुसार यह जैन धर्म का अनुयायी था।
विस्तार-
- सांची, मध्य प्रदेश के रायसेन जिले, में बेतवा नदी के तट स्थित एक छोटा सा गांव है। रायसेन जिले में एक अन्य विश्व प्रसिद्ध स्थल, भीमबेटका भी है।
- सांची का महान मुख्य स्तूप, मूलतः सम्राट अशोक महान ने तीसरी शती, ई.पू. में बनवाया था। इसके केन्द्र में एक अर्धगोलाकार ईंट निर्मित ढांचा था, जिसमें भगवान बुद्ध के कुछ अवशेष रखे थे। इसके शिखर पर स्मारक को दिये गये ऊंचे सम्मान का प्रतीक रूपी एक छत्र था।
विस्तार-
- गाहा सत्तसई (संस्कृत : गाथासप्तशती) प्राकृत भाषा अनमोल निधि है। इसमें प्रयुक्त छन्द का नाम "गाथा" छन्द है। इसमें 700 गाथाएँ हैं। इसके रचयिता हाल या शालिवाहन हैं।
- इस काव्य में सामान्य लोकजीवन का ही चित्रण है। अत: यह प्रगतिवादी कविता का प्रथम उदाहरण कही जा सकती है। इसका समय बारहवीं शती मानी जाती है।
विस्तार-
- सासाराम, बिहार के रोहतास जिले का मुख्यालय भी है। इसे 'सहसराम' भी कहा जाता है।
- सूर वंश के संस्थापक अफ़ग़ान शासक शेरशाह सूरी का मक़बरा सासाराम में है|
- शेरशाह सूरी (जन्म का नाम फ़रीद खाँ) भारत में जन्मे पठान थे, जिन्होनें हुमायूँ को 1540 में हराकर उत्तर भारत में सूरी साम्राज्य स्थापित किया था।
- 1539 में, शेरशाह को चौसा की लड़ाई में हुमायूँ का सामना करना पड़ा जिसे शेरशाह ने जीत लिया।
- 1540 ई. में शेरशाह ने हुमायूँ को पुनः हराकर भारत छोड़ने पर मजबूर कर दिया और शेर खान की उपाधि लेकर सम्पूर्ण उत्तर भारत पर अपना साम्रज्य स्थापित कर दिया।
- 1540-1545 के अपने पांच साल के शासन के दौरान उन्होंने नयी नगरीय और सैन्य प्रशासन की स्थापना की, पहला रुपया जारी किया है|
- भारत की डाक व्यवस्था को पुनः संगठित किया और अफ़गानिस्तान में काबुल से लेकर बांग्लादेश के चटगांव तक ग्रांड ट्रंक रोड को बढ़ाया।
विस्तार-
- कनिष्क प्रथम(127–150 ई.), कुशाण राजवंश का भारत का एक महान सम्राट था।
- राजधानी पेशावर गाँधार प्रान्त के नगर पुरुषपुर में थी।
विस्तार-
- लगभग 2400 ईसापूर्व पुराना यह शहर भारत के राज्य गुजरात के भाल क्षेत्र में स्थित है और इसकी खोज सन 1954 में हुई थी।
- भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने इस शहर की खुदाई 13 फ़रवरी 1955 से लेकर 19 मई 1956 के मध्य की थी। लोथल, अहमदाबाद जिले के ढोलका तालुका के गाँव सरागवाला के निकट स्थित है।
- लोथल गोदी, जो विश्व की प्राचीनतम ज्ञात गोदी है, सिंध में स्थित हड़प्पा के शहरों और सौराष्ट्र प्रायद्वीप के बीच बहने वाली साबरमती नदी की प्राचीन धारा के द्वारा शहर से जुड़ी थी, जो इन स्थानों के मध्य एक व्यापार मार्ग था। उस समय इसके आसपास का कच्छ का मरुस्थल, अरब सागर का एक हिस्सा था।
विस्तार-
- इस पुस्तक में मुहम्मद तुगलक की धार्मिक नीति की कटु आलोचना की गयी है। यह पुस्तक बहमनी वंश के संस्थापक (शासक) बहमन शाह को समर्पित है।
- मुहम्मद गौरी ने कन्नौज के राजा जयचंद को हराया।
- वहलोल लोदी का पुत्र निजोम खाँ, जो उसकी हिंदू पत्नी तथा स्वर्णकार की पुत्री हेमा के गर्भ से उत्पन्न हुआ था, 17 जुलाई 1489 को सुल्तान सिकंदर शाह की उपाधि धारण करके दिल्ली के सिंहासन पर बैठा।
- सिकन्दर शाह ने भूमि के लिए एक प्रमाणिक पैमाना ‘गज-ए-सिकन्दरी’ का प्रचलन करवाया, जो 30 इंच का था।
विस्तार-
- महमूद ग़ज़नवी (971-1030) मध्य अफ़ग़ानिस्तान में केन्द्रित गज़नवी वंश का एक महत्वपूर्ण शासक था|
- अलबरूनी उत्बी फारुखी फिर्दोशी महमूद गजनबी के दरबारी थे|
- वह इल्तुतमिश की पुत्री थी। तुर्की मूल की रज़िया को अन्य मुस्लिम राजकुमारियों की तरह सेना का नेतृत्व तथा प्रशासन के कार्यों में अभ्यास कराया गया|
- याकुब, तुर्क नहीं था और उसे रज़िया ने अश्वशाला का अधिकारी नियुक्त कर दिया था।
- भटिंडा के राज्यपाल मल्लिक इख्तियार-उद-दिन-अल्तुनिया ने अन्य प्रान्तीय राज्यपालों, जिन्हें रज़िया का अधिपत्य नामंजूर था, के साथ मिलकर विद्रोह कर दिया। रज़िया और अल्तुनिया के बीच युद्ध हुआ जिसमें याकुत मारा गया और रज़िया को बंदी बना लिया गया। मरने के डर से रज़िया अल्तुनिया से शादी करने को तैयार हो गयी।
विस्तार-
- यह बादशाह अकबर के काल का आधिकारिक इतिहास ग्रंथ है।
- मुग़ल दरबारी और इतिहासकार निज़ामुद्दीन अहमद ने इस ग्रंथ को फ़ारसी में लिखा था।
- तिथि तथा भौगोलिक वर्णन की दृष्टि से यह ग्रंथ सर्वाधिक विश्वसनीय माना जाता है, इसे 'तबकात अकबरी' और 'तारीख़ निज़ामी' भी कहते हैं।
विस्तार-
- अकबर का जन्म 15 अक्टूबर, 1542 ई. को 'हमीदा बानू' के गर्भ से अमरकोट के राणा वीरसाल के महल में हुआ था। वस्तुत: यह इलाका राजस्थान का अभिन्न अंग था
- मुल्ला असामुद्दीन इब्राहीम को शिक्षक बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
- 1551 ई. में मात्र 9 वर्ष की अवस्था में पहली बार अकबर को ग़ज़नी की सूबेदारी सौंपी गई।
- हुमायूँ ने हिन्दुस्तान की पुनर्विजय के समय मुनीम ख़ाँ को अकबर का संरक्षक नियुक्त किया।
- दिल्ली पर अधिकार कर लेने के बाद हुमायूँ ने अकबर को लाहौर का गर्वनर नियुक्त किया, साथ ही तुर्क सेनापति बैरम ख़ाँ को अकबर का संरक्षक नियुक्त किया।
विस्तार-
- चोल साम्राज्य की स्थापना विजयालय ने की, जो आरम्भ में पल्लवों का एक सामंती सरदार था।
- चोल साम्राज्य का अभ्युदय नौवीं शताब्दी में हुआ और दक्षिण प्राय:द्वीप का अधिकांश भाग इसके अधिकार में था।
- चोल शासकों ने श्रीलंका पर भी विजय प्राप्त कर ली थी और मालदीव द्वीपों पर भी इनका अधिकार था।
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