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Showing posts from September 20, 2017

फोर्ब्स की "100 Greatest Living Business Minds" की लिस्ट टाटा समेत 3 भारतीय

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Dear Aspirants, विश्व में सबसे अच्छा कारोबारी दिमाग रखने वाले जीवित दिग्गजों (लिविंग लीजेंड्स) की शीर्ष 100 की सूची में एरसेलोर मित्तल के चेयरमैन और सीईओ लक्ष्मी मित्तल, टाटा समूह मानद चेयरमैन- रतन टाटा और सन माइक्रोसिस्टम्स के सह-संस्थापक विनोद खोसला जैसे तीन भारतीय शामिल है। फोर्ब्स ने 20 सितम्बर, 2017 को '100 ग्रेटेस्ट लिविंग बिजनेस माइंड्स (महान जीवित कारोबारी) लिस्ट जारी की है। फोर्ब्स ने डोनाल्ड ट्रम्प को ‘सेल्समैन एवं असाधारण रिंगमास्टर : मालिक, ट्रंप ऑर्गनाइजेशन, अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति’ कहकर संबोधित किया है।

GS Notes : भारत की प्रमुख नदियाँ ( India's Major Rivers ) ~ भाग-2

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Dear Readers, भारत की नदियों का देश के आर्थिक एवं सांस्कृतिक विकास में प्राचीनकाल से ही महत्वपूर्ण योगदान रहा है। सिन्धु तथा गंगा नदियों की घाटियों में ही विश्व की सर्वाधिक प्राचीन सभ्यताओं- सिन्धु घाटी तथा आर्य सभ्यता का विकास हुआ। प्राचीन काल में व्यापारिक एवं यातायात की सुविधा के कारण देश के अधिकांश नगर नदियों के किनारे ही विकसित हुए थे। भारत में प्रवाहित होने वाली नदियों को दो भागों में वर्गीकृत किया गया हैं।     उत्तर भारत में प्रवाहित होने वाली अधिकांश नदियाँ हिमालय से निकली हैं जिनमे वर्ष भर जल उपलब्ध रहता हैं, इन नदियों को संवाहिनी नदियाँ (Perenial River) कहते हैं।      प्रायद्वीपीय पठार में प्रवाहित होने वाली अधिकांश नदियाँ पश्चिमी घाट पहाड़ियों से निकली हैं जिनमे ग्रीष्म ऋतु में जल का अभाव हो जाता हैं। इन्हें गैर-संवाहिनी नदी (Non-Perenial River) कहते हैं। Read Also...... भारत की प्रमुख नदियाँ ( India's Major Rivers )- भाग-1 21. माही नदी (Mahi River):- मध्य प्रदेश के झाबुआ (विंध्य पहाड़ियों के दक्षिण में) के निकट से निकलने उपरान्त मध्य प्रदेश से गुजरात राज्य चली

GS Notes : भारत की प्रमुख नदियाँ ( India's Major Rivers )

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Dear Readers, भारत की प्रमुख नदियाँ  ( India's Major Rivers ) भारत की नदियों का देश के आर्थिक एवं सांस्कृतिक विकास में प्राचीनकाल से ही महत्वपूर्ण योगदान रहा है। सिन्धु तथा गंगा नदियों की घाटियों में ही विश्व की सर्वाधिक प्राचीन सभ्यताओं- सिन्धु घाटी तथा आर्य सभ्यता का विकास हुआ। प्राचीन काल में व्यापारिक एवं यातायात की सुविधा के कारण देश के अधिकांश नगर नदियों के किनारे ही विकसित हुए थे। भारत में प्रवाहित होने वाली नदियों को दो भागों में वर्गीकृत किया गया हैं। उत्तर भारत में प्रवाहित होने वाली अधिकांश नदियाँ हिमालय से निकली हैं जिनमे वर्ष भर जल उपलब्ध रहता हैं, इन नदियों को संवाहिनी नदियाँ (Perenial River) कहते हैं।   प्रायद्वीपीय पठार में प्रवाहित होने वाली अधिकांश नदियाँ पश्चिमी घाट पहाड़ियों से निकली हैं जिनमे ग्रीष्म ऋतु में जल का अभाव हो जाता हैं। इन्हें गैर-संवाहिनी नदी (Non-Perenial River) कहते हैं। भारत की नदियों को चार समूहों में वर्गीकृत किया जा सकता है जैसे:-